Ajmer Dargah Sharif: अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे पर ओवैसी के बाद समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देकर माहौल को और गरमा दिया है. राम गोपाल ने इस मामले में जजों पर ही आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी है.  कोर्ट द्वारा याचिका मंजूरी और सुनवाई होने पर राम गोपाल ने जजों पर लोगों को भड़काने ,का आरोप लगा डाला.


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राम गोपाल यादव ने अजमेर शरीफ दरगाह मामले पर बयान देते हुए कहा कि ये छोटे-छोटे जज देश में आग लगाना चाहते हैं. दुनिया के कोने-कोने से आए लोग अजमेर शरीफ दरगाह पर आते हैं. हमारे प्रधानमंत्री भी दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं. वैसे भी सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा समर्थित लोग कुछ भी कर सकते हैं. राम गोपाल ने संभल हिंसा के लिए भी प्रशासन को दोषी ठहरा दिया.


राम गोपाल यादव से पहले ओवैसी भी इस मामले पर विवादित बयानबाजी कर चुके हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि 'सुल्तान-ए-हिन्द ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (RA) भारत के मुसलमानों के सबसे अहम औलिया इकराम में से एक हैं. उनके आस्तान पर सदियों से लोग जा रहे हैं और जाते रहेंगे इंशाअल्लाह. कई राजा, महाराजा, शहंशाह, आए और चले गए, लेकिन ख्वाजा अजमेरी का आस्तान आज भी आबाद है.'



ओवैसी ने आगे लिखा कि 1991 का का कानून साफ कहता है कि किसी भी इबादतगाह की मजहबी पहचान को बदला नहीं जा सकता, ना अदालत में इन मामलों की सुनवाई होगी. उन्होंने आगे कहा कि ये अदालतों का कानूनी फर्ज है के वो 1991 एक्ट को अमल में लाए, बहुत ही अफसोसनाक बात है के हिंदुत्व तंजीमों का एजेंडा पूरा करने के लिए कानून और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं और नरेंद्र मोदी चुप चाप देख रहे हैं.


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