Alwar: राजस्थान का अलवर जिला की सड़कें हर दिन खून से लाल हो रही हैं. जून महीने में सड़क दुर्घटना में मौत का आंकड़ा डराने वाला है. अलवर में सड़क दुर्घटना में मौत के मामले में तेजी देखी गई है. अगर सड़क दुर्घटनाओं पर नजर डाले तो यहां हर साल सैकड़ों की संख्या में सड़क हादसों में लोग अपनी जान गंवा दिए हैं. यह काफी चिंताजनक विषय है. जिले का शायद ही कोई नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे हो जहां एक्सीडेंट न हुआ हो.


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सामने आई दुर्घटनाओं में कहीं लापरवाही तो कहीं तेज स्पीड के कारण एक्सीडेंट हुआ है. कई हादसे तो ड्राइवर को झपकी लगने से हुआ है. शराब पीकर गाड़ी चलाने से भी हादसे भी खूब सामने आए हैं , इतना ही नहीं तेज गति से दौड़ती गाड़ियां, ओवरलोड और अवैध खनन के डंपर ट्रोले भी हादसों का कारण बने है.


समय पर नहीं मिल पाता है सही इलाज
हाइवे का जाल होने पर यहां इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है. रोड एक्सीडेंट के बाद अस्पताल की कमी से सही समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण घायलों को बचा पाना मुश्किल होता है.


रोड सेफ्टी पर जागरूक किए जाने के बावजूद नहीं थम रहीं दुर्घटनाएं
परिवहन विभाग में रोड सेफ्टी मैनेजर मानते हैं कि सड़क हादसों की बड़ी वजह ओवर स्पीड और हेलमेट न पहना है. दुर्घटना को रोकने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और वाहन का फाइन भरने के लिए कार्यालय पंहुचने वालों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है.


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जान है तो जहान है
प्रतिदिन 40 लोगों को सड़क पर वाहन चलाते समय बरती जाने वाली सावधानियों को बताया जा रहा है. ट्रैफिक नियमों का पालन करने से ही दुर्घटना में कमी आएगी. दर्घटना का सबसे ज्यादा शिकार 18 से 30 वर्ष के युवा हो रहे हैं. बाइक और हाइवा की तेज गति अलवर में सड़क पर मौत का कारण बन रहे हैं. इसके लिए बेहद जरूरी है नियमों का पालन करें. ओवर स्पीड से वाहन न दौड़ाए. जान है तो जहान.


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