Alwar news: राजस्थान के अलवर जिले के चमेली बाग कब्रिस्तान मामला फिर एक बार तूल पकड़ने को है और मेव समाज केबिनेट मंत्री टीकाराम जूली के खिलाफ लामबंद हो चुका है. शफात मैनेजर ने आज एक निजी होटल में प्रेस वार्ता कर बताया कि आगामी विधान सभा चुनाव होने है और अलवर ग्रामीण से केबिनेट मंत्री टीकाराम जूली द्वारा चुनाव लडा जाएगा. जिसको लेकर मेव समाज ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को मंत्री टीकाराम जूली की टिकिट काटने को लेकर पत्र लिखा है. 


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कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली को उम्मीदवार बनाया गया
उन्होंने कहा कि यदि चुनाव में उम्मीदवार कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली को बनाया गया तो 2013 से भी ज्यादा वोटो से मंत्री को चुनाव हराया जाएगा. और मंत्री का साथ देने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और मेवात विकास बोर्ड अध्यक्ष जुबेर खान को भी राजनीतिक परिणाम भुगतना होगा. लगातार 14 महीने से अलवर का मेव समुदाय लगातार कब्रिस्तान बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है. और एक लंबा आंदोलन भी समाज ने चलाया था. लेकिन कब्रिस्तान बहाली आज तक नहीं हो पाई. उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री टीकाराम जूली के भाई मुकेश जूली ने अपने बिजनेस पार्टनर शिवलाल गुर्जर के साथ कुछ लोगों के गिरोह के जरिए कब्रिस्तान की खातेदारी कराई. इसकी वजह से तत्कालीन एसडीएम तहसीलदार कानूनगो पटवारी और एक थानेदार सस्पेंड भी हुए थे. 


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कब्रिस्तान बहाली को लेकर 17 दिसंबर 2022 को सर्किट हाउस में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की मध्यस्थता में जिला प्रशासन से समझौता हो गया था. लेकिन ना तो कब्रिस्तान बहाल हुआ और ना ही समझौता लागू किया गया. जिसके लिए समाज के लोगों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह केबिनेट मंत्री टीकाराम जूली और मेवात विकास बोर्ड अध्यक्ष जुबेर को बार-बार अवगत कराया. लेकिन कोई परिणाम प्राप्त नहीं हुआ. ऐसे में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने विजय मंदिर पैलेस के निकट कब्रिस्तान भूमि की खातेदारी कराई हुई है. वर्तमान समय में मेवात विकास बोर्ड अध्यक्ष जुबेर खान पर भी मेवात का दायित्व है. इसी वजह से समाज ने उनसे भी बार-बार आग्रह किया था. लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं किया. 


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इसलिए राजनीतिक तौर पर यह तीनों ही व्यक्ति चमेली बाग कब्रिस्तान बहाल नहीं होने के कसूरवार है. संपूर्ण प्रकरण में मुस्लिम समुदाय को अभी तक जो भी न्याय मिला और मेव समुदाय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पूरा प्रकरण भी बताया और पूर्व जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी से मेव समाज समाधान सुनिश्चित करवाने के लिए मिला था. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गुमराह कर पूर्व जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी का अलवर से ट्रांसफर करवा दिया गया. 


ये नेताएं अपने वोट की ताकत से सबक सिखाएगें


उन्होंने लिखित में आग्रह किया हुआ है की 98% तक वोट कांग्रेस को देने वाला समाज इन तीनों नेताओं को अपने वोट की ताकत से सबक सिखाएगा. उन्होंने कहा 2013 में की मंत्री टीकाराम जूली से मेव समाज की नाराजगी कांग्रेस को भारी पड़ चुकी. जब मेवात की सभी सातों सीट कांग्रेस हार गई थी. इसलिए कांग्रेस नेतृत्व को इस मामले को गंभीरता लेना जरूरी है .उन्होंने बताया कि अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के 77000 वोट है. लेकिन 2013 के चुनाव में कांग्रेस के मंत्री टीकाराम जूली को मेव समाज के भयंकर विरोध की वजह से बड़ी हार झेलनी पड़ी. गत दो वर्ष से चमेली बाग कब्रिस्तान की अवैध खातेदारी मंत्री टीकाराम जूली के भाई मुकेश जूली द्वारा करवा दिए जाने के कारण एक बहुत बड़ा आंदोलन समुदाय कर रहा है .जिसमें दो-तीन बार मुख्यमंत्री को भी इस मामले में दखल देना पड़ा लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ.