अलवर: सालभर बाद भी नहीं सुलझी महिला की हत्या की गुत्थी ,अब CBI से जांच कराने की मांग
एक साल पहले महिला के अपहरण करने और सरिस्का के जंगलों में शव मिलने के मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पुलिस से रिपोर्ट मांगी. वहीं, परिजनों ने सीबीआई या एसओजी से जांच कराने की मांग की है.
अलवर: बानसूर में करीब एक साल पूर्व भूपसेड़ा गांव की एक 28 साल की विवाहिता के अपहरण के बाद उसके सरिस्का के जंगलों में मिले शव के बाद पुलिस आज तक आरोपियो का सुराग नहीं लगा पाई है. अब एक बार फिर एक साल बाद ग्रामीण व परिजन इस हत्या के आरोपियो की गिरफ्तारी के साथ ही पूरे मामले की जांच CBI या SOG से जांच करवाने की मांग कर रहे हैं.
मंगलवार को बानसूर में फिर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हुए और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग ऊठाई. वहीं, अलवर जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्वी गौतम ने मामले को लेकर कहा की पुलिस के अधिकारियों से घटना से सम्बन्धित फाइल की समीक्षा की जा रही है. वहीं, पुलिस की टीम गठित कर दी गई है. मामले में जल्द ही खुलासा किया जायेगा.
यह भी पढ़ें: Rajasthan: 4 चाचाओं ने 15 साल की भतीजी के साथ पूरी रात किया रेप, मुंह में ठूंसी रूई
सांसद के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन
इस मामले में परिजनों व ग्रामीणों द्वारा पहले भी कई बार आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग के चलते प्रदर्शन किए तब पुलिस व प्रशासन द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 45 दिन का समय मांगा, लेकिन घटना को एक साल बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ अभी तक खाली है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है. मंगलवार को एक बार फिर बानसूर में ग्रामीणों व परिजनों ने आक्रोश जताते हुए इस मामले के जांच एसओजी व सीबीआई से कराने की मांग की है.इस मामले को अलवर सांसद बाबा बालक नाथ लोकसभा में भी उठा चुके हैं.
बीते साल महिला का अपहरण कर की गई थी हत्या
17 जनवरी 2022 को बानसूर के भूपसेड़ा गांव में घर के बाहर टहल रही 28 वर्षीय महिला सुनीता देवी का अपहरण हो गया था और 23 दिन बाद यानी 8 फरवरी को सरिस्का के जंगलों में भृतहरि धाम के पास महिला का शव क्षत-विक्षत हाल में मिला था. शव से हाथ और पैर कटे मिले थे. इस मामले बानसूर में हत्या के आरोपीओ की गिरफ्तारी के लिए अलवर सांसद बाबा बालक नाथ व पूर्व यातायात मंत्री रोहिताश शर्मा के नेतृत्व में प्रदर्शन हुए. उस समय पुलिस ने हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 45 दिन का समय मांगा था, लेकिन पुलिस इस मामले का आजतक खुलासा नहीं कर पाई. इस मामले को अलवर सांसद लोकसभा में भी उठा चुके हैं.