Alwar News: शाहजहांपुर के सिरयानी ग्राम पंचायत परतापुर से राजकीय प्राथमिक विद्यालय को तीन किलोमीटर दूर सिरयानी मुख्यालय स्थित राजकीय विद्यालय में समायोजित कर दिया गया. जिससे यहां रहने वाले अनुसूचित जाति व ग्रामीण तबकों के छोटे छोटे नोनिहाल शिक्षा से वंचित बने हुए है. जिससे ग्रामीणों में भी आक्रोश बना हुआ है.


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छोटे बच्चे हो रहे शिक्षा से वंचित 
नीमराना उपखण्ड के शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के सिरयानी ग्रामपंचायत के परतापुर चक नम्बर 3 गांव जो वर्तमान में राज्य के उभरते औद्योगिक एरिया घीलोठ की औद्योगिक इकाइयों के बीच बसा हुआ है. अनुसूचित जाति सहित गरीब तबकों के परिवारों के बच्चो के लिए गांव में राजकीय प्राथमिक विद्यालय संचालित था जो 2016 में छात्र संख्या की कमी के चलते ग्रामपंचायत मुख्यालय सिरयानी के राजकीय विद्यालय में समायोजित कर दिया गया. परंतु गांव से 3 किलोमीटर पड़ने वाले विद्यालय में छोटे बच्चे पैदल जा पाने में असमर्थ रहने से शिक्षा से वंचित रहने की उनकी विवशता हो गई है.


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इस क्षेत्र में ज्यादातर बच्चे फेक्ट्रियो में काम करने वाले मजदूर और गरीब परिवारों के है, यहां से स्कूल स्थान्तरित होने के बाद से ही बच्चे शिक्षा से वंचित है , परिजनों द्वारा निजी विद्यालयों में भेजने की क्षमता नहीं होने के चलते शिक्षा से वंचितो की संख्या बढ़ती ही चली गई.


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ग्रामीण बार बार कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन
समय के बदलाव के साथ एरिया में तेजी से हुए विकास से वर्तमान में गांव के चारों और लगी औद्योगिक इकाईयों में काम करने वाले मजदूर परिवारों के बच्चे भी शिक्षा पाना चाहते हैं. लेकिन स्कूल तो है मगर कोई पढ़ाने वाला नहीं और सरकार की तरफ से बंद कर दिया गया है. इस वजह से नोनिहाल बच्चे शिक्षा से वंचित है. पहले भी ग्रामीण इसके लिए विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन उच्च अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया , सिर्फ आश्वासन देखकर ग्रामीणों को संतुष्ट कर दिया जाता है.


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राजकीय विधालय पुनः शुरू होने की मांग


ग्रामीण सरजीत सिंह मेघवाल, कमलकांत यादव, घीसाराम यादव, जगराम यादव, हरिसिंह यादव, रामचन्द्र प्रजापत, रोशनलाल मेघवाल, विक्रम मेघवाल, शेरसिंह मेघवाल, रामचन्द्र यादव, अंकित यादव, राजाराम यादव,कंहीराम यादव, फूलसिंह यादव, मोनू यादव, बलदेव मेघवाल, मोनू यादव, महेन्द्र यादव, कुलदीप यादव सहित का कहना है कि गांव में राजकीय विद्यालय पुनः शुरू होना चाहिए.