राजस्थान के इस जिले में बिक रहा था मिलावटी दूध, सरस डेयरी ने की कार्रवाई तो मचा हड़कंप
सरस डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर ने बताया कि तीन-चार दिनों से लगातार मुखबिर से सूचना मिल रही थी कि बानसूर के गांव तुराणा गांव में एक बड़ा ही दूध माफिया है, जो दूध में केमिकल मिलाता था, जिसको लेकर आज सुबह 4 बजे बड़ी कार्रवाई की गई. वहीं, दूध माफिया मौके से फरार हो गया.
Bansur, Alwar News: बानसूर के तुराना गांव में आज सुबह सरस डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर की ओर से मिलावटी दूध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें दूध में मिलाने वाले केमिकल के 10 ड्रम को जब्त कर नष्ट किया गया है. इसमें करीब 2200 लीटर दूध में मिलाने वाला कैमिकल भरा हुआ था.
बानसूर के तुराणा गांव में अलसुबह की गई कार्रवाई को लेकर सरस डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर ने बताया कि तीन-चार दिनों से लगातार मुखबिर से सूचना मिल रही थी कि बानसूर के गांव तुराणा गांव में एक बड़ा ही दूध माफिया है, जो दूध में केमिकल मिलाता था, जिसको लेकर आज सुबह 4 बजे बड़ी कार्रवाई की गई. वहीं, दूध माफिया मौके से फरार हो गया.
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विश्राम गुर्जर ने बताया कि श्री गंगानगर और हनुमानगढ़ की तर्ज पर तूराना गांव के जंगलों में पहाड़ियों में दूध में मिलाने वाले सोरबिट ऑयल के 10 ड्रम छुपा कर रख रखे थे लेकिन कार्रवाई के दौरान दूध माफिया मौके से फरार हो गया.
क्या कहना है सरस डेयरी के चेयरमैन का
सरस डेयरी के चेयरमैन ने बताया कि इस ऑयल को दूध में मिलाने से दूध की फैट, एसएनएफ, बीआर और आरएम को सैट करता है, जिससे दूध की कीमत बढ़ जाती है, जबकि यह दूध काफी हानिकारक होता है.
बढ़ जाता है दूध का फैट
टीम में शामिल मैनेजर एच एस चौधरी ने बताया कि इस केमिकल को दूध में मिलाने से दूध के फैट बढ़ जाते हैं. वहीं, इस कैमिकल के दूध में मिलाने से शरीर में काफी गंभीर बीमारियां हो जाती हैं. सबसे ज्यादा यह केमिकल शरीर में किडनी पर असर डालता है. वहीं उन्होंने बताया कि दूध माफिया इस केमिकल को कम फैट के दूध में मिलाकर एसएनएफ बढ़ाते हैं. वहीं इसके मिलावट होने से दूध का सेवन करने से काफी गंभीर बीमारियां हो जाती हैं.
सरस डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर की टीम द्वारा पहले भी दूध माफियाओं के खिलाफ कई बड़ी कार्यवाहियों को अंजाम दिया गया है और अब तुराणा गांव में बड़ी कार्रवाई करते हुए मौके से 10 ड्रमों में भरे 2200 लीटर ऑयल नष्ट करवाया गया है. यह केमिकल से भरे ड्रम जंगल मे खलिहानों के नीचे छुपा कर रखे गए थे. टीम लगातार तीन दिनों से रेकी कर रही थी, जिसपर आज सुबह करीब चार बजे दबिश देकर कार्रवाई की गई. नष्ट किये गए केमिकल की कीमत करीब आठ लाख रुपये बताई जा रही है.