Alwar News: खैरथल-तिजारा जिला कलेक्टर डॉ.आर्तिका शुक्ला द्वारा नवाचार करते हुए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से ऑर्गेनिक अबीर (गुलाल) तैयार करवाया जा रहा है.सहायता समूह की महिलाओं से फूलों से ऑर्गेनिक गुलाल बनवाया जा रहा है.जिसको लेकर प्राकृतिक गुलाल खरीदने वालों में होड़ मची हुई हैं. हर्बल गुलाल के उत्पादन से महिलाएं भी सशक्त बन रही है.


महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का उद्देश्य


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खैरथल में होली के पर्व पर आमजन को केमिकल युक्त रंगों से बचाने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला कलेक्टर डॉ. अर्तिका शुक्ला ने यह सार्थक पहल की है.इस सार्थक पहल की हर जगह प्रशंसा हो रही है.


एलर्जी या साइड इफेक्ट्स नहीं


खैरथल तिजारा जिला कलक्टर डॉ.आर्तिका शुक्ला के निर्देशन में नगर परिषद खैरथल परिसर में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल रंग बना रही हैं. जिसमें मक्के का आटा, इत्र, गेंदे व गुलाब के फूल, चुकंदर, पालक, फूड कलर, अरारोट आदि के माध्यम से बनाया जा रहा है. ऑगर्निक गुलाल लाल,हरा ,पीला, गुलाबी, नीला कलर में फूड कलर के माध्यम से बनाया जा रहा है. जो कि हर्बल होने के साथ-साथ आयुर्वेदिक भी हैं. इससे चेहरे पर किसी भी प्रकार की एलर्जी या साइड इफेक्ट्स नहीं पड़ते है.समूह की महिलाओं को रोजगार भी मिला है.


 नगर परिषद परिसर में लगाई स्टॉल


आयुक्त गोयल ने बताया कि होली पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.जिसको लेकर लोग हर्बल गुलाल खरीदने के लिए नगर परिषद खैरथल में आ रहे हैं.नगर परिषद खैरथल की ओर से तैयार करवाए गए हर्बल गुलाल की बिक्री के लिए नगर परिषद परिसर में स्टॉल लगाई गई हैं. इस गुलाल को लोग खूब पसंद कर रहे हैं.


10 सदस्य गुलाल अबीर बनाने में जुटी 


नगर परिषद खैरथल में अब तक लगभग एक क्विंटल से अधिक का ऑर्गेनिक गुलाल बिक चुका है.स्वयं सहायता समूह में फरीदा, नफीसा, सलमा, कुसुम, रीना, रजनी, कंचन, सुनीता, सपना, दिव्या, द्रोपती सहित अनेक महिलाओं द्वारा हर्बल गुलाल बनाने का कार्य चल रहा है. तीन महिला समूह की 10 सदस्य गुलाल अबीर बनाने में जुटी हुई हैं. इसके साथ साथ परिषद प्रशासन भी हर्बल गुलाल तैयार कर रही महिलाओं के सहयोग में जुटा हुआ हैं.


खेलने के लिए किया जा रहा प्रेरित


ऑर्गेनिक गुलाल को लेकर लोगो में काफी उत्साह देखा जा रहा है.निजी शिक्षण संस्थान के मीडिया प्रभारी पंकज खुराना ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों के संचालकों द्वारा भी विद्यार्थियों को हर्बल गुलाल से होली खेलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. सद्भाव के रंगों से लिपटे हर्बल गुलाल की डिमांड बढ़ती जा रही हैं.हर्बल गुलाल बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त रंगों की तुलना में लाभदायक है. भाईचारे का प्रतीक होली पर्व पर अपने बच्चों को केमिकल युक्त रंगों से बचाने के लिए हर्बल गुलाल का इस्तेमाल करें.


जिसकी पैकिंग 100 ग्राम 500 ग्राम व एक किलो ग्राम तक की रखी गई है.महिला समूह के आर्थिक संबल प्रदान करने के तहत ऑर्गेनिक गुलाल की रेट 150 रुपए किलो रखी गई है.इसके अलावा अगर कोई व्यापारी इसको अधिक मात्रा में लेता है तो थोक रेट भी उपलब्ध कराया गया है.होली त्यौहार को लेकर बाजार में बिकने वाले केमिकल युक्त गुलाल व रंगों से बचाव के लिए महिलाओं ने ऑर्गेनिक अबीर गुलाल बनाने का अभियान चलाया है.


मार्केट में केमिकल युक्त व घटिया किस्म का गुलाल 40 से 100 रुपये किलो बेचा जा रहा है.जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.इसलिए नगर परिषद की ओर से नगर परिषद आयुक्त श्याम बिहारी गोयल द्वारा अपील की गई है कि लोग अपने स्वास्थ्य को ध्यान को रखते हुए ऑर्गेनिक गुलाल का इस्तेमाल करें.ऑर्गेनिक गुलाल प्राप्त करने के लिए नगर परिषद से संपर्क किया जा सकता है.इसके अलावा दो जगह पर गुलाल बिक्री के लिए स्टॉल भी लगाए गए हैं.


Reporter- Swadesh Kapil


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