Alwar News: मालाखेड़ा उपखंड क्षेत्र में प्रकृति का कहर अर्धरात्रि के बाद नींबू के आकार ओलावृष्टि होने से सरसों की फसल नष्ट हो गई. वहीं गेहूं ,चना की फसल को भी नुकसान है. रात्रि को हुई ओलावृष्टि की बर्फ सुबह 10:00 बजे तक खेतों में जमी रही .जहां किसान उसे देखकर खून के आंसू रोता दिखाई दिया. 


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मालाखेड़ा उपखंड क्षेत्र के बड़ेर, नांगल, चोमू, केरवावाल, खरकड़ा, पथरोडा, गुर्जर बस, सहित अन्य गांव में भारी ओलावृष्टि हुई . इन गांव में सुबह चूल्हे भी नहीं जले, जिसके चलते बच्चों को इस शीत लहर में चाय भी नहीं मिली. किसान रूप सिंह, महेंद्र सिंह, विक्रम सिंह, मोनू सिंह, नरेश सिंह ,भोली सिंह, अंकित् सिंह ,खरखड़ा नहीं बताया कि रात्रि को जबरदस्त ओलावृष्टि हुई. जो सुबह तक खेतों में बर्फ के रूप में जमी रही और किसान बर्बाद हो गया है . गेहूं ,चना, सरसों लाल प्याज व अन्य सब्जी की फसल पूरी तरीके से नष्ट हो गई है.


पथरोडा के रहने वाले किसान अफजल खान बताया कि रात्रि को हुई ओलावृष्टि से सभी फसल तबाह हो गई है. प्रकृति का वज्रपात हुआ है .अब इसमें सरकार प्रशासन सहयोग करें. उनके बिना कैसे उभर सकता है. बच्चों की पढ़ाई, बिजली का बिल ,ट्रैक्टर की जुताई और मजदूरी का भुगतान कैसे होग,  इसको लेकर किसान परेशान है.


खरकड़ा ग्राम पंचायत के किसानों का कहना है. इस क्षेत्र के हल्का पटवारी को बार-बार फोन कर रहे हैं. लेकिन ना तो फोन उठा रहा, नहीं मौके पर आया है. जबकि किसानों के घरों में चूल्हे भी नहीं जल रहे हैं. किसान खून के आंसू रो रहा है. मालाखेड़ा के राजस्व विभाग के अधिकारी कुंभकरण नींद में है.


ग्राम पंचायत पूनखर के गांव में भी भारी ओलावृष्टि हुई है जहां सरपंच भगवती देवी ने जिला कलेक्टर अलवर, उपखंड अधिकारी मालाखेड़ा से तुरंत नष्ट हुई फसल का सर्वे करने की पुरजोर मांग की है. लेकिन 10:00 बजे तक कोई भी पटवारी राजस्व विभाग के कर्मचारी बीमा विभाग के कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे.