Alwar News: राजस्थान के अलवर जिले के खेड़ली क्षेत्र में इन दिनों मौसमी बिमारियों का भयंकर समय चल रहा है. जिसमें अधिकांश मरीज़ बुखार तथा कम प्लैट्स, डेंगू पांजिटिव आ रहे हैं .एक महीने में करीब 80 डेंगू पांजिटिव मरीजों की संख्या हो चुकी है. जबकि स्थानीय स्तर पर ब्लाक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके बचाव को लेकर कोई जन-जागरूकता तथा फोगिंग, क्रूड आयल आदि का छिड़काव एवं मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है.


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शायद स्थानीय विभाग बड़े स्तर पर डेंगू तथा वायरल फैलने के इंतजार में हैं. खेड़ली उपजिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन चार पांच मरीज डेंगू पॉजिटिव भर्ती हो रहे हैं .इन दिनों खेड़ली अस्पताल में ओपीडी 1200 से 1400 मरीजों की है .वहीं कठूमर रैफरल अस्पताल में प्रतिदिन 600 से 700 मरीजों की ओपीडी देखने को मिल रही है.


 



कमोवेश ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति ज्यादातर खराब है. क्योंकि अधिकांश मरीजों का इलाज ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप नीम-हकीम कर रहे हैं. जिनके खिलाफ भी स्थानीय ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. झोलाछाप डॉक्टरों की बीसीएमओ कठूमर से नजदीकियां उनको पनपाने में कारगर साबित हो रही है. 


 



इस क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला है, जहां मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर योगेंद्र शर्मा कार्रवाई करने से बचते हैं. घाटा भवर में एक झोलाछाप सैनी डॉक्टर का इतना बोल बाला है कि उसने एक बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाकर मौत के घाट उतार दिया. जो कि खबरों की सुर्खियां बना हुआ है. 


 



वहीं दूसरे केस में गलत इलाज करके एक बच्चे की टांग खराब कर दी. लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग की आंखें नहीं खुली हैं. समाचार पत्र और चैनलों पर खबर चलने के बावजूद अलवर का मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय कार्रवाई करने से घबराता है.