Tijara: ऑनलाइन शॉपिंग ने छीनी स्थानीय व्यापारियों के चेहरे से खुशी, फीकी पड़ी दिवाली की रौनक
अलवर के तिजारा विधानसभा के भिवाड़ी में ऑनलाइन शॉपिंग ने लगाया स्थानीय व्यपारियों की खुशियों पर ग्रहण. बाजार से गयाब नजर आरही दिवाली की रौनका, फेस्टिव सीजन में कोरोना के दो साल बाद भी व्यापार में छा रहा मंदा.
Tijara: अलवर के तिजारा विधानसभा के भिवाड़ी में ऑनलाइन शॉपिंग सिस्टम ने लोकल व्यापारियों की हालत खराब कर दी है. एक छोटी सी चीज को भी लोग ऑनलाइन ऑर्डर कर मंगा लेते हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों की दुकानदारी खत्म होती जा रही है. हालात यह है कि दुकान का खर्चा निकाल पाना भी व्यापारियों के लिए मुश्किल हो गया है, ऐसे में भिवाड़ी के व्यापारियों ने ऑनलाइन शॉपिंग सिस्टम को बैन करने की सरकार से मांग की है.
दो साल कोरोना काल में बीत जाने के बाद इस बार भिवाड़ी में दीपावली पर बाजार में रौनक कम ही नजर आ रही है. बाजार की दुकानें सामानों से सजी हुई हैं, लेकिन दुकानदारों को ग्राहको का इंतजार है. बीते 2 सालों में कोरोना की वजह से पूरे भारतवर्ष में जहां मंदी का दौर कायम रहा, तो वहीं कोरोना से मुक्त होने के बाद देश पहली दिवाली मना रहा है. इस दीपावली पर भी व्यापारियों को बाजार में ज्यादा चहल-पहल की उम्मीद नजर नहीं आ रही है.
राजस्थान का सिंह द्वार कर रहा व्यापार का इंतजार
भिवाड़ी को राजस्थान का सिंह द्वार के साथ साथ मिनी भारत भी कहा जाता है, क्योंकि राजस्थान का सबसे बड़ा औद्योगिक एरिया भिवाड़ी में है यहां पर पूरे भारतवर्ष से लाखों लोग अपना रोजगार पाने के लिए आते रहते हैं. सबसे बड़ा तबका यहां लेबर वर्ग का है जो लेबर कॉलोनी में रहता है या फिर झुग्गी झोपड़ियों में रहकर अपना गुजर-बसर कर रहा है. कोरोना काल के समय ज्यादातर मजदूरों व कर्मचारियों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा था, तो जो कर्मचारी अपनी नौकरियों को बचा पाए उनकी तनख्वाह कम कर दी गई और इसका सीधा-सीधा सर भिवाड़ी के मार्केट पर पड़ा. लोगों की जेब में खर्च करने के लिए पैसा नहीं था तो लोगों ने अपने खर्चे कम कर दिए, जिससे व्यापारियों की हालत पतली होती चली गई. ऐसे में ऑनलाइन शॉपिंग सिस्टम के चलते इस दिवाली भी भिवाड़ी के व्यापारियों को मार्केट से ज्यादा उम्मीद नजर नहीं आ रही है.
भिवाड़ी व्यापार मंडल के अध्यक्ष महेंद्र मंगला ने बताया कि कुछ तो बीते 2 साल में कोरोना की वजह से बाजार खत्म हो चुका है, तो वहीं ऑनलाइन सिस्टम ने जो बाकी था वह भी खत्म कर दिया है. 20 रुपए तक की चीज भी लोग ऑनलाइन ऑर्डर कर मंगवा रहें हैं, जिससे लोकल व्यापारियों का धंधा ठप हो चुका है. व्यापारियों को अपना घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है.
वहीं भिवाड़ी व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष और भिवाड़ी व्यापार संघ के कोऑर्डिनेटर सुनील तायल ने बताया कि भिवाड़ी में स्थानीय दुकानदार व व्यापारीयो का धंधा बंद होने के कगार पर है व्यापारी लोग अपने बच्चों को दूसरे धंधों में या अच्छी पढ़ाई लिखाई कर नौकरी करने की सलाह दे रहें हैं, क्योंकि उन्हें लग रहा है कि आने वाले समय में ऑनलाइन सिस्टम की वजह से लोकल व्यापारी बिल्कुल खत्म हो जाएंगे. सुनील तायल ने ऑनलाइन से खरीदारी सिस्टम को बंद करने की सरकार से मांग की है, दीपावली के मात्र 8 दिन शेष बचे हैं और बाजारों में सन्नाटा छाया हुआ है. छोटी मोटी आवश्यकता की चीजों को छोड़कर लोग किसी भी चीज को नहीं खरीद रहें हैं, इसलिए व्यापारियों ने ज्यादा सामान का स्टॉक भी नहीं रखा है. सुनील तायल का कहना है कि आज से 7 से 8 साल पहले भिवाड़ी का जो मार्केट गुलजार रहता था, आज स्थिति उसके विपरीत है. भिवाड़ी के बाजार को उस स्थिति में आने के लिए अभी कई सालों तक जद्दोजहद करनी पड़ेगी.
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