अलवर: ERCP की नई डीपीआर बनाने को लेकर पदयात्रा, सरकार से जल्द लागू करने की मांग
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की नई डीपीआर बनाकर लागू करने की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना संयुक्त मोर्चा राजस्थान की ओर से कस्बे के गणेश पोल से जल क्रांति पदयात्रा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष आदिवासी जवान सिंह के नेतृत्व में निकली गई.
राजगढ़/अलवर: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की नई डीपीआर बनाकर लागू करने की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना संयुक्त मोर्चा राजस्थान की ओर से कस्बे के गणेश पोल से जल क्रांति पदयात्रा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष आदिवासी जवान सिंह के नेतृत्व में निकली गई. पद यात्रा कस्बे के मुख्य मार्गों से होते हुए उपखण्ड कार्यालय पर पहुंचकर सम्पन हुई. जहां मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी ओमप्रकाश मीना को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लागू करवाने व नई डीपीआर में अलवर जिले के ऐतिहासिक बांध जिनको सरकार ने आपसी झगड़े के चलते छोड़ दिया है उन्हें आवश्यक रूप से जोड़ने की मांग की.
संयुक्त मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष आदिवासी जवान सिंह मोहचा ने बताया कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पानी का अभाव है. पानी की कमी के कारण फसल उत्पादन,पशुपालन, उधोग धंधे और जनजीवन पूर्णतया प्रभावित है. भूजल स्तर बहुत नीचे जा चुका है. इस वजह से पेयजल की स्थिति बहुत चिंताजनक है. बोरवेल में लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी किसानों को पानी नहीं मिल रहा है. इस वजह से किसान कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं.
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पानी नहीं होने से क्षेत्र में बढ़ रही बेरोजगारी
वर्तमान समय में पूर्वी राजस्थान के अधिकांश क्षेत्र में रबी की फसल का उत्पादन किसान नहीं कर पा रहे हैं. इस वजह से बेरोजगारी दिनों दिन बढ़ती जा रही है. पिछले कुछ महीनो से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर 13 जिलों की आम जनता राज्य सरकार और केंद्र सरकार से अनुरोध कर रही है, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है. राजगढ़ की जनता के समर्थन से विशाल पदयात्रा गणेशपोल से चौपड़ के रास्ते गोलचक्कर होते हुए उपखण्ड कार्यालय तक निकालकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम राजगढ़ को ज्ञापन दिया है. ईआरसीपी टीम के अशोक बाजोली ने कहा कि जब तक सरकार प्रमुख बांध नही जोड़ेगी यह लड़ाई जारी रहेगी. सुखदेव जामडोली ने बताया कि रैणी सहित क्षेत्र में विरासत कालीन बांध जिनसे क्षेत्र में जलापूर्ति होती थी.उनको सरकार ने नज़रंदाज़ करके रैणी की जनता के साथ धोखा किया है.
मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
हेमंत दीवान ने बताया कि अलवर के महत्वपूर्ण बांधो को छोड़ना अलवर की जनता के साथ अन्याय है. हम पूर्वी नहर परियोजना को नई डीपीआर बनवाने के लिए सरकार को मजबूर करेंगे चाहे इसके लिए हमें आंदोलन को कितना ही लम्बा क्यों न करना पड़े. महन्त प्रकाश दास महाराज ने कहा की ईआरसीपी का पानी सरकार किसानों के खेतों तक पहुंचाये. जिससे किसानों को फसल पैदा करने में सुविधा हो. अशोक रामपुरा ने कहा कि प्रमुख बांधों को जोड़ने के साथ अलवर जिले की प्राकृतिक नदियां व नहरों के उदगम स्थान को परियोजना से जोड़ा जाए. इसमें कम लागत के साथ अधिकांश क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ेगा. इस मौके पर छोटू महर,गोलू मेहरा, महंत प्रकाश दास, राजेश मीना,डी सी मीना सरपंच जामडोली, रविन्द्र सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे.