अलवर प्रबोधक संघ ने 6 सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री BD कल्ला को सौंपा ज्ञापन 


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Alwar Prabodhak Sangh submitted memorandum to Education Minister BD Kalla regarding 6 point demands


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Alwar News: प्रबोधक संघ ने मांग को लेकर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने बताया कि निदेशक प्रा.शि. द्वारा प्रत्याहरित आदेशों के आधार पर पदौन्‍नति पर कार्यग्रहण करने को प्रबोधकों पर जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से आदेश जारी कर दबाव डाला जा रहा है. 


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Alwar:अलवर प्रबोधक संघ ने अपनी 6 सूत्रीय मांग को लेकर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को ज्ञापन सौंपा.  ज्ञापन में बताया की प्रबोधक संवर्ग के कार्मिकों की बहुप्रतिक्षित पदौन्‍नति की मांग को पूर्ण करते हुए 14 जून 2021 को प्रबोधक तृतीय श्रेणी की पदौन्‍नति वरिष्ठ प्रबोधक द्वितीय श्रेणी पद पर पात्र 10392 बीएड,” बीपीएड योग्यताधारी प्रबोधकों में से 5000 पद स्वीकृत किये गये थे, जिसके निदेशालय प्रारम्मिक शिक्षा, बीकानेर द्वारा पदौन्‍नति के आदेश 30 जून 2022 को जारी किए गए. जिसे निदेशक बीकानेर द्वारा त्रुटी पूर्ण होने के कारण आदेश 18 जुलाई 2022 को प्रत्याहरित कर लिया गया था. 


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अब निदेशक प्रा.शि. द्वारा अपने प्रत्याहरित आदेशों के आधार पर ही पदौन्‍नति पर कार्यग्रहण करने के लिए प्रबोधकों पर जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से आदेश जारी कर दबाव डाला जा रहा है. उक्त आदेशों में प्रबोधकों के कार्य दायित्व गलत तरीके से निर्धारित किये गये हैं. लेकिन निदेशक द्वारा इनमें संशोधन नहीं किया जा रहा हैं. 


इस संदर्भ में अनेकों बार निदेशक अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा एवं शिक्षा मंत्री को मिलकर और ज्ञापन देकर कर अपनी वेदना से अवगत कराया. जिसके कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आए .प्रबोधक से वरिष्ठ प्रबोधक पद पर पदौन्‍नति राजस्थान पंचायती राज प्रबोधक सेवा नियमों के अनुरूप वर्ष 2017-18 में ही हो जानी चाहिए थी, जो शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण काफी देरी से की गई है. ज्ञापन में कहा गया कि पदौन्‍नति से शेष रहे 5392 योग्यताधारी प्रबोधकों को भी वरिष्ठ प्रबोधक पद पर पदौन्‍नति प्रदान की जाए , इससे राज्य सरकार पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं आ रहा है.


निदेशक प्रा.शि. बीकानेर द्वारा जारी पदौन्‍नति आदेशों में वरिष्ठ प्रबोधक पद के कार्य दायित्व का निर्धारण किया गया है, जिसमें वरिष्ठ प्रबोधकों के साथ छलावा करते हुए समकक्ष वरिष्ठ अध्यापक के अधीन पदस्थापित किया गया है, साथ ही बी.एड. योग्यताधारी वरिष्ठ प्रबोधकों को प्राथमिक विद्यालयों में पदस्थापित करने एवं प्राथमिक विद्यालय का प्रभारी बनाने के आदेश जारी किये गये हैं. जबकि प्राथमिक विद्यालयों में द्वितीय श्रेणी के अध्यापकों और बी.एड योग्यताधारी शिक्षकों को नियमानुसार नहीं लगाया जाता है , उक्त दितिय श्रेणी अध्यापकों के समकक्ष एवं समान योग्यताथारी वरिष्ठ प्रबोधकों को प्राथमिक विद्यालयों में पदस्थापित किया जाना नियम विरूद्ध है.


राजस्थान सरकार द्वारा वर्तमान में कर्मचारी हित में कार्य करते हुए सभी संवर्गो के पदों को को पुनर्गठन किया जाकर पदौन्‍नति के 5 अवसर प्रदान किये जा रहे है , जिससे सभी कार्मिकों की पदौन्‍नति हो रही हैं.


राज्य सरकार द्वारा मंत्रालयिक संवर्ग और स्टेनोग्राफर संवर्ग के कार्मिकों को 5 पदौन्‍नति के अवसर प्रदान करते हुए पदों का हाल ही में पुनर्गठन किया गया और अन्य संवर्गों में भी 5 पदौन्‍नति के अवसर प्रदान किये जा रहे है. प्रबोधक पद पर 2008 में नियुक्त कार्मिकों को, जो इससे पूर्व लम्बे समय तक शिक्षा कर्मी 1984 लोक जुम्बिश 1992 पैरा टीचर्स व मदरसा पैरा टीचर्स 1999 से राजकीय उपक्रमों में वर्षो से अल्प मानदेय पर कार्य कर रहे थे, को 16 वर्ष की सेवा पर केवल 1 पदौन्‍नति का अवसर वरिष्ठ प्रबोधक के रूप में उपलब्ध कराया गया.


उक्त कैडर के कर्मचारी अत्यन्त दयनीय अवस्था में है एवं समान योग्यता एवं कर्तव्य होने के पश्चात्‌ भी समान स्तर के अध्यापको को उच्च पदों पर पदौन्‍नति होते देखकर गहरे अवसाद में हैं. जिस पर प्रारण्मिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी पदौन्‍नति आदेशों में उल्लेखित कार्य दायित्व हमारे जख्मों पर नमक छिडकने का कार्य कर रहे है.


इसलिए संवर्ग की ओर ध्यान देकर हमारी निम्न जायज मांगो की पूर्ति की जाए वरिष्ठ प्रबोधकों के वायित्व का पुनः निर्धारण - वरिष्ठ प्रबोधक की योग्यता एवं वेतनमान द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के समान है इनका अनुभव द्वितीय श्रेणी शिक्षकों से भी अधिक है. इनके द्वारा विभिन्‍न राजकीय उपक्रमों में 45 से 25 वर्ष से अधिक की सेवा न्यूनतम मानदेय पर की गई है एवं 16 वर्षो से प्रबोधक के दायित्वों का निर्वाह किया है. परन्तु जब पदौन्‍नति आदेश जारी किये गये तो कार्य दायित्व निर्धारण समकक्ष वरिष्ठ अध्यापक के अधीन एवं प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक के समान किये गये है.


वरिष्ठ प्रबोधकों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संस्था प्रधान, द्वितीय श्रेणी अथवा माध्यमिक विद्यालयों के विषय अध्यापक के रूप में पदस्थापित किया जावें , वर्तमान में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में द्वितीय श्रेणी अध्यापकों के रिक्त पदों के विरुद्ध वरिष्ठ प्रबोधक को समायोजित किया जावें पदौन्‍नति के अवसर प्रदान किये जाए.


प्रबोधक संवर्ग के कर्मचारी 25-35 वर्षो से शिक्षा विभाग में अपने सेवायें दे रहे है. अधिकांश प्रबोधक आगामी 5-8 वर्षो में सेवानिवृति के करीब पहुंच चुके होंगे. प्रबोधक पद पर भी इनकी सेवायें 45 वर्ष की पूर्ण हो चुकी है. इसके पश्चात्‌ वरिष्ठ प्रबोधक पद पर पदौन्‍नति हो सकी है. जबकि समान वर्ष में नियुक्त अध्यापक व्याख्याता एवं प्रधानाचार्य पदो पर पदौन्‍नत हो चुके है. एक ही विद्यालय में एक


ही वर्ष में नियुक्त समान योग्यता वाले कार्मिकों को पदौन्‍नत होते देखना एवं अपने पश्चात्‌ नियुक्त कार्मिको के अधीनस्थ नियुक्त कार्मिकों के अधीन कार्य करना तो जैसे प्रबोधक की नियति बन चुकी है. एक ओर जहां राज्य सरकार सभी संवर्गो के कार्मिकों को पदौन्‍नति के अवसर प्रदान कर रही है, जिससे हमारे साथ नियुक्त प्रबोधक से निम्न वेतनमान वाले कर्मचारी भी वर्तमान में प्रबोधकों से उच्चतर वेतनमान प्राप्त कर रहे है. प्रबोधक संवर्ग के कार्मिकों को पदौन्‍नति के अवसर प्रदान किये जाकर व्याख्याता पद पर पदौन्‍नति और पदौन्‍नति के पदों का 40 प्रतिशत कोटा प्रबोधक संवर्ग के आरक्षित रखा जावें.


वर्तमान में अलग-अलग संवर्गों के कार्मिकों की पदौन्‍नति समान संवर्ग मे किये जाने के प्रावधान विद्यमान है . जिस प्रकार तहसील राजस्व अधीनस्थ लेखा सेवा राजस्थान अधीनस्थ लेखा, सेवा के कार्मिको को समान पद लेखाधिकारी पर पदौन्‍नति प्रदान की जाती है. उसी प्रकार व्याख्याता के पद पर पदौन्‍नति वरिष्ठ अध्यापक और वरिष्ठ प्रबोधक पद पर कार्मिकों से किये जाने के प्रावधान किये जा सकते है.


प्राथमिक विद्यालयों में वरिष्ठ प्रबोधकों का पदस्थापन नहीं किया जावें वरिष्ठ प्रबोधक बीएड /बीपीएड योग्यताधारी है एवं द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के समान लेवल 11 का पद है. बीएड योग्यताधारी द्वितीय श्रेणी अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संस्था प्रधान के रूप में नियुक्त होते है एवं प्राथमिक विद्यालयों में लेवल-4 के एसटीसी योग्यताधारी शिक्षकों / प्रबोधकों का ही पदस्थापन किया जाता है. जबकि निदेशक, प्रारम्मिक शिक्षा द्वारा वरिष्ठ प्रबोधकों को प्राथमिक विद्यालयों में पदौन्‍नति पर लगाया जा रहा है, जो नियम विरुद्द हैं और मानसिक शोषण करने वाली कार्यवाही हैं कि वरिष्ठ प्रबोधक का पदस्थान, कट प्राथमिक विद्यालयों में नहीं किया जाए प्रबोधकों के साथ शिक्षा विभाग लंबे समय से सौतेला व्यवहार कर रहा है.


जबकि शिक्षा विभाग में अल्प मानदेय पर भी कार्मिकों को लंबे समय तक सेवाए उक्त कार्मिकों शिक्षा, विवेकाननद मॉडल स्कूल , करतूरबा हॉस्टल , मेवात बालिका आवासीय विद्यालय, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों , जनजाति छात्रावासों अन्य अध्यापकों के समान प्रतिनियुकत भी नहीं किया ज़ाता है. जो कि प्राकृतिक न्याय के विरुद्ध हैं.