Tijara, Alwar news: भिवाड़ी का प्रदूषण स्तर गुरुवार सुबह डेंजर जोन में पहुंच चुका है. एक तरफ जहां दिल्ली का एक्यूआई 460 दर्ज किया गया, वहीं भिवाड़ी का 360 दर्ज हुआ. प्रदूषण स्तर को देखते हुए एनसीआर सहित भिवाड़ी में ग्रेप के नियमों की तृतीय चरण की पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं, लेकिन इन पाबंदियों का भिवाड़ी में खुलेआम उल्लंघन होता हुआ देखा जा सकता है और जिम्मेदार विभाग केवल कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति ही कर रहे हैं.


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दिल्ली, भिवाड़ी सहित पूरे एनसीआर का प्रदूषण गुरुवार को सुबह बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया. दिल्ली में जहां प्रदूषण का स्तर 426 दर्ज किया गया, वहीं भिवाड़ी का एक्यूआई का स्तर 360 रहा. भिवाड़ी के पड़ोसी राज्य हरियाणा में धारूहेड़ा का 347 वहीं औद्योगिक क्षेत्र मानेसर का 360 दर्ज किया गया. 


प्रदूषण का यह स्तर मानव जीवन के लिए बेहद खतरनाक है. गत 29 अक्टूबर को जहां दिल्ली का एक्यूआई स्तर 450 पहुंच गया था, वहीं भिवाड़ी का 358 पर दर्ज किया गया था. तभी से दिल्ली सहित पूरे एनसीआर क्षेत्र में ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियां लागू कर दी गई थी. 


इन पाबंदियों के तहत क्षेत्र में निर्माण कार्यों पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने के साथ-साथ किसी भी कंपनी या सोसाइटियों में डीजी सेट नहीं चलेगा और कहीं पर भी खुले में निर्माण सामग्री को नहीं रखा जाएगा. साथ ही जहरीला धुआं उगलने वाली औद्योगिक निर्माण इकाइयों को भी बंद करने के आदेश दे दिए गए थे, लेकिन एयर कमीशन के इन आदेशों की पालना कहीं भी नहीं हो रही है. छोटी-मोटी इकाइयों को बंद कर महज खानापूर्ति ही की जा रही है.


भिवाड़ी शहर सहित पूरे क्षेत्र में निर्माण कार्य बदस्तूर जारी है, निर्माण सामग्री जगह-जगह खुले में पड़ी हुई है. अलवर भिवाड़ी मेगा हाईवे पर तो हौंडा चौक के पास और कई जगह ट्रेडर्स निर्माण सामग्री को खुले में डालकर ही बेच रहे हैं. बेहद ही शर्मनाक बात तो यह है कि इस हाईवे सहित अन्य जगहों से भिवाड़ी सहित जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारी रोज आते-जाते हैं, लेकिन इन सब चीजों को देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं.


जब अधिकारियों से इस विषय में बात की जाती है तो वह कैमरे पर बोलने से ही मना कर रहे हैं. ऐसे में शहर के लोगों को प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर को झेलने के अलावा और कोई रास्ता उनके पास नहीं है. आने वाले दिसंबर और जनवरी महीने में भिवाड़ी सहित पूरे क्षेत्र का और भी बुरा हाल होने वाला है. गत वर्ष तो भिवाड़ी का प्रदूषण स्तर 500 के ऊपर पहुंच चुका था. नवंबर माह में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए लग रहा है कि भिवाड़ी दोबारा से प्रदूषण के उसी मुकाम को हासिल कर लेगा.


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प्रदूषण को कम करने के लिए रीको की तरफ से सड़कों पर छिड़काव कर कुछ प्रयास जरूर किए जा रहे हैं. वहीं नगर परिषद ने भी स्मोक गन से भिवाड़ी की सड़कों के आसपास छिड़काव करना शुरू कर दिया है. रीको की अग्निशमन गाड़ियां जहां रोजाना 25 से 30 किलोमीटर के एरिया में छिड़काव कर रही हैं, वहीं नगर परिषद की स्मोक गन भी करीब 15 से 20 किलोमीटर का क्षेत्र रोजाना कवर कर रही है लेकिन बावजूद इसके भी भिवाड़ी शहर का प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है.


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