Alwar: भारतीय किसान संघ के आह्वान पर प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत प्रदेशभर में विभिन्‍न तहसील स्तर पर सांकेतिक प्रदर्शन किया गया.  इसके तहत अलवर जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर मंगलवार को धरना दिया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ज्ञापन के माध्यम से भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष मातादीन भाटी ने बताया कि फसल उत्पादन की बढ़ती लागत, भूजल के घटते स्तर , वर्षा आधारित कृषि पर अधिक निर्भरता से किसानों को खेती में पूर्ण रोजगार उपलब्ध नही होने तथा किसानों पर बढ़ते कर्ज से राहत दिलाने के लिए विभिन्‍न मांगों का निस्तारण किया जाए.


साथ ही प्रदेश में अधिकतर किसान अभी भी वर्षा आधारित खेती पर निर्भर है.प्रदेश अन्य पड़ोसी राज्यों की तुलना में रकबा बढ़ाने में भी अत्यधिक पिछड़ा हुआ है , प्रदेश में लंबित नहरी परियोजनाओं को पुरा करते हुए , मौजूदा नहरी परियोजनाओं का विस्तार कर किसानों को नहरी सिंचाई का पानी उपलब्ध करवाकर प्रदेश का सिंचाई जाये.
फसल उत्पादन की घटती लागत को कम करने के लिए कृषि आदानों से जीएसटी खत्म करने के लिए जीएसटी काउंसिल को प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्ताव भेजा जाये.


मध्यप्रदेश और तेलंगाना की तर्ज पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि राशि में प्रदेश की ओर से राशि जोड़ कर सभी किसानों को 15 हजार रुपए की किसान सम्मान निधि राशि सीधे बैंक खातों में की जाए , प्रदेश में 7 लाख से अधिक किसानों का कृषि विद्युत कनेक्शन का विद्युत बिल शून्य है, शेष किसान भूजल गहरा होने क कारण बड़े हॉर्स पावर की मोटरें चलाते है सभी किसानों को फसल सिंचाई हेतु निशुल्क 7 घंटे विद्युत आपूर्ति की जाये. सभी किसानों को उनकी स्वीकृत साख सीमा तक एक लाख 50 हजार तक के फसली ऋण किसी भी मान्यता प्राप्त बैंक से लिए हुए हो उस ऋण को ब्याज मुक्त किया जाए. कर्ज माफी के चुनावी वादे से राष्ट्रीय कृत बैंको में कर्ज माफी नही होने से व कर्ज माफी की उम्मीद में लाखों किसानों द्वारा कर्ज/ब्याज नही चुकाने के कारण बैंको ने उन्हें डिफोल्टर घोषित कर दिया है ऐसे किसानों का कर्ज माफ किया जावे या ब्याज व पेलेंटी को माफ कर जमीन कुर्की होने से बचाई जाए.


सरकार द्वारा समर्भन मूल्य पर अधिसूचित होने के बावजूद खरीद नही की गई , वही खरीद लक्ष्य निर्धारित करने के बाद लहसुन की खरीद नही की जा रही , समर्थन मूल्य पर अधिसूचित सभी फसलों की पीएम आशा योजना व अन्य फसलों की बाजार हस्तक्षेप नीति के तहत खरीद सुनिश्चित की जाएं , फसल बीमा योजना का किसानों को समुचित लाभ दिलाने हेतु फसल बीमा क्लेम आंकलन का आधार गारंटी को वास्तविक उत्पादन के अनुसार संशोधित किया जाए. उन्होंने बताया कि इस लिखित समस्याओं के तत्काल समाधान नहीं होने पर प्रदेशभर से किसान जयपुर कूच कर महापड़ाव डालने को मजबूर होंगे.