Rajasthan News: खैरथल के भिवाड़ी में गुरुवार की दोपहर एक 8 वर्षीय बालक रितिक की चाय की दुकान में आग लगने से दर्दनाक मौत हो गई थी. बालक की मौत के बाद सिस्टम से जुड़े अधिकारी भी हरकत में आए, लेकिन सिर्फ एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के अलावा कुछ भी निकलकर सामने नही आया. जिम्मेदार अधिकारी इस दर्दनाक मौत को भी भूलने की कोशिश कर रहे है. इस पूरी आगजनी में संबंधित अधिकारी सिर्फ सफाई देते नजर आए. 


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जानें क्या पूरा मामला? 
दरअसल, चाय की दुकान में आग लगने के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया. वहां जल चुके डी फ्रिज को अधिकारी बिजली का ट्रांसफार्मर बताते रहे. किसी अधिकारी ने कहा कि पहले बिजली की लाइन में फाल्ट हुआ था, जिससे हादसा हुआ. किसी ने गैस सिलेंडर लीकेज होने का हवाला दिया. इस पूरे हादसे को लेकर जब ग्राउंड पर जाकर जी मीडिया ने पड़ताल की, तो पाया कि जिस जगह ये हादसा हुआ उस जगह ट्रांसफार्मर था ही नहीं, बल्कि ट्रांसफार्मर दुकान के पीछे एक फैक्ट्री में लगा हुआ था. उस ट्रांसफार्मर में आग लगी ही नहीं. 


अनदेखी की बलि चढ़ गया रितिक
दरअसल, भिवाड़ी में अवैध गैस सिलेंडर का काम चरम पर है. प्रशासन की अनदेखी के चलते भिवाड़ी में रोजाना अवैध गैस सिलेंडर का कारोबार होता है. ये कारोबार करने वाले चाय की दुकान रेहड़ी वालों को अपना ग्राहक बनाते है और उन्हें सिलेंडर देकर रफूचक्कर हो जाते है. इस घटना में पहले गैस सिलेंडर लीक हुआ और कुछ समय बाद ही गैस सिलेंडर फट गया और पूरे खोखे में आग गई. विस्फोट होने से मासूम बालक रितिक वही गिर गया जो कभी उठ ही नहीं पाया. इस बाबत में खैरथल तिजारा के डीएसओ रणधीर सिंह ने भी बिजली बोर्ड को ही निशाना बनाया, लेकिन अवैध सिलेंडर को लेकर चुप्पी साध ली. 


रिको और नगर परिषद की अनदेखी के चलते फिर हो सकता है हादसा
भिवाड़ी में नगर परिषद और रिको की अनदेखी के चलते अस्थाई दुकानदार खतरों के खिलाड़ी बने हुए है. बिजली के ट्रांसफार्मर के नीचे ही चाय की दुकान और रेहड़ी लगाना भिवाड़ी में आम हो चला है, जिस पर कभी प्रशासन की निगाह नहीं पड़ती. वहीं, इस पूरे घटनाक्रम के बाद रितिक के गांव बसई जोगियान में मातम पसरा हुआ है. हर कोई उस मंजर को याद कर अपने आंसू रोक नहीं पा रहा. 


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