COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अलवर: कृषि विज्ञान केंद्र के अधीन खेती करने वाले किसानों के द्वारा रासायनिक उर्वरक का उपयोग कर खेती को बंधक बना लिया गया. रासायनिक खेती के दुरुपयोग से मानव शरीर पर प्रभाव पड़ रहे हैं, जिससे गंभीर परिणाम मानव जीवन में बहुत से पढ़ रहे हैं राज सरकार केंद्र सरकार के द्वारा जैविक उत्पाद चलाए जा रहे हैं परंतु किसान भाई समझने में देरी कर रहे हैं. थानागाजी क्षेत्र के अंदर किसानों के द्वारा रासायनिक खेती को बढ़ावा देने के चलते अपनी जमीन को बंजर कर रहे हैं.


केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा जैविक उत्पादों की अनेकों योजनाएं अनेकों प्रकार के उर्वरक क्षेत्र के किसानों के लिए लाए जा रहे हैं. उनका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. परंतु किसान यूरिया डीएपी रासायनिक दवा का उपयोग कर शीघ्र से शीघ्र लाभ लाते हैं. शीघ्रता से लाभ लेने के चक्कर में उनकी जमीन बंजर हो रही है. कृषि विभाग के अधिकारी राजेंद्र सिंह बैंस ने बताया की रासायनिक दवाओं के उपयोग करने से खेती तो बंजर हो ही रही है. साथ में फसल को भी नुकसान हो रहा है जो मानव जीवन हो या पशु को रासायनिक उत्पादों से शारीरिक नुकसान पहुंच रहा है.


केंद्र सरकार के द्वारा समय-समय पर क्षेत्र के खाद बीज विक्रेताओं को जैविक खेती में बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण का आयोजन कर दुकानदार को समझाया जा रहा है कि वह अपने क्षेत्र के किसानों को जैविक खेती करना सिखाए जिससे कि मानव जीवन पर होने वाले दुष्प्रभाव ना हो रासायनिक खेती से कैंसर जैसे गंभीर रोग हो रहे हैं और मानव जीवन पर विपरीत प्रभाव डाल रहे हैं अगर किसान समय रहते समझ नहीं पाया और अपनी खेती के अंदर रासायनिक उर्वरकों का ही उपयोग करता रहा तो जमीन तो बंजर हो ही रही है.


साथ साथ स्वयं के परिवार को भी बंजर कर रहा है धीमे जहर के कारण शरीर के अंदर अनेक प्रकार की रासायनिक दवाओं के चलते बीमारियां हो रही हैं सब्जियों अनाज हो फल हो सब रासायनिक दवाओं के असर से खराब हो रहे हैं जैविक उत्पाद के द्वारा जो फसलें उपयोग में लाई जा रही हैं वह मानव जीवन को तंदुरुस्त बनाती हैं. सरकार के द्वारा जैविक उत्पादों पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है इसको लेकर के सरकार सचेत है थानागाजी के अंदर आधा दर्जन से अधिक किसान जैविक खेती करने लगे हैं और मुनाफा भी ले रहे हैं क्योंकि रासायनिक खेती के चलते उन्हें सस्ता माल मिल रहा है अच्छा लाभ हो रहा है अन्य किसानों को भी समझाइश की जा रही है.