अलवर : देश को पहली रैपिड रेल (RRTS) का तोहफा मिल गया है.कम खर्च पर लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल रही है.लोग इस पहेल को खास पसंद कर रहे. शुरूआती दिनों मे हजारों लोगों ने रैपिड रेल में यात्रा की.PM modi ने देश की पहली रेपिड रेल 'नमो भारत ' को हरी झंडी दिखाइ.
 अब देश में दूसरे रैपिडएक्स सेमी-हाई स्पीड रेल नेटवर्क पर प्री-कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हो चुका है. अब जल्द ही दिल्ली-अलवर व दिल्ली पानीपत के बीच रैपिड रेल कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू होगा.तब दिल्ली से अलवर के बीच 180 किलोमीटर की दूरी 104 मिनट में तय होगी.


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2028 तक पूरा होगा काम 
 बताया जा रहा है की  कॉरिडोर पर 124 किलोमीटर ट्रैक ऐलीवेटेड और 56 किलोमीटर ट्रैक भूमिगत होगा. दिल्ली से अलवर के बीच रैपिड रेल ट्रैक पर कुल 19 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें से नौ स्टेशन भूमिगत और 10 स्टेशन ऐलीवेटेड बनाए जाएंगे. औसतन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी.इस ट्रेक पर करीब 36 हजार करोड़ से ज्यादा का खर्च होगा. करीब एक साल का समय जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में लगेगा.
  हरियाणा और राजस्थान सरकार ने पहले ही अधिकारिक मंजूरी दे दी है.इसमे 5 स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे जबकि बाकी सभी एलिवेटेड होंगे। मेन लाइन में निजामुद्दीन/सराय काले खां, आईएनए, मुनिरका, एयरोसिटी, उद्योग विहार, गुरुग्राम सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारुहेड़ा डिपो, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बावल, एसएनबी, खैरताल और अलवर होंगे.


चरणबद्ध तरीक से बनेगा रेल 


रैपिड रेल को तीन फेज मे बनाया जायेगा पहला फेज 106 किलोमीटर, दूसरा 35 किलोमीटर और तीसरा 58 किलोमीटर लंबा है. इस बीच कुल 22 स्टेशन बनाए जाएंगे. इस ट्रेन में सेंसर वाले गेट, बैठने के लिए गद्देदार सीट, बाहर नजारे देखने के लिए बड़ी कांच वाली खिड़कियां और खाने-पीने के लिए वैंडिंग मशीन की सुविधा मिलेगी.


प्रोजेक्ट में करीब 37 हजार 987 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसमें 20 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार तथा 20 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार देगी. 60 प्रतिशत का हिस्सा विभिन्न वित्तीय मदद से उपलब्ध कराया जाएगा.


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