जिला प्रशासन की सराहनीय पहल से अलवर होगा सम्मानित, दिव्यांगों को मिली विकास की राह
Alwar News अलवर जिला प्रशासन की सक्षम योजना से दिव्यांगजनो को जिले में काफी संबल मिला है. इस योजना के तहत जिले में 2 करोड़ 41 लाख रु की लागत से 1839 दिव्यांगजनो को 22 सौ से ज्यादा उपकरण बांटे गए.
Alwar News: अलवर जिला प्रशासन के जरिए चलाये गए सक्षम अभियान के तहत दिव्यांगजनो के सशक्तिकरण में किये गए कामों में अलवर जिले ने देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है . कलेक्टर 3 दिसम्बर को दिव्यांगजन दिवस के मौके पर केंद्र सरकार के सामाजिक एवं न्यायिक अधिकारिता विभाग के जरिए आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में अलवर जिले को यह सम्मान मिलेगा.
दिव्यांग होगा और सशक्तिकरण
बता दें कि 3 दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर दिव्यांग सशक्तिकरण के लिए सर्वश्रेष्ठ जिले का पुरस्कार अलवर जिले को मिलने जा रहा है . यह पुरस्कार अलवर के कलेक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी दिल्ली में प्राप्त करेंगे. जिला प्रशासन अलवर के जरिए कलेक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी के नेतृत्व दिव्यांगजनो के सशक्तिकरण के लिए सक्षम अभियान की शुरुआत की गई थी , जिसका परिणाम यह रहा कि दिव्यांगजन के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए देश भर में प्रथम स्थान मिला है.
इस मौके पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रविकांत ने बताया भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जरिए वर्ष 2022 के पुरस्कार विजेताओं की सूची में अलवर को शामिल किया गया है. यह पुरस्कार हर वर्ष दिव्यांगजन के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले देशभर में एक ही जिले को दिया जाता है.
डेटा बेस किया तैयार
रविकांत ने बताया कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी के नेतृत्व में जिले में दिव्यांगजनो के लिए सक्षम अभियान की शुरुआत की. इसमे सबसे पहले अप्रैल और मई में दिव्यांगजनो का डोर टू डोर सर्वे कराकर डेटा बेस तैयार किया गया . दूसरे चरण में शामिल दिव्यांगजनो को जिले में 22 विभिन्न पंचायत समितियों में शिविर लगाकर लाभांवित किया गया. शिविरों में भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम की टीम ने दिव्यांगजनो को उनकी दिव्यांगा के अनुरूप सहायक उपकरण के लिए पंजीकरण और प्रमाणीकरण किया.
गौरतलब है कि दिव्यांगजनो को मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन पेंशन , मुख्यमंत्री पालनहार योजना , सहायक उपकरण , मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से जोड़ा गया है और रोडवेज पास जारी करवाये गए है. वहीं तीसरे चरण में दिवाली से पूर्व 2 करोड़ 41 लाख रु की लागत से 1839 दिव्यांगजनों को 22 सौ से ज्यादा उपकरण बांटे गए.
कुल मिलाकर जिला प्रशासन के जरिए चलाया गया सक्षम अभियान दिव्यांगजनो के लिए एक किरण के रूप में सामने आया है.
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