Alwar: अलवर के कठूमर तहसील स्थित ईंट भट्टें पर काम करने वाले करीब पैंतीस मजदूरों को, पिछले आठ माह से वेतन नहीं मिलने से दो जून रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इस मामले में देहाड़ी मजदूरों ने जिला कलक्टर से गुहार लगाई है. दंबगों पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए, श्रमिकों ने मजदूरी दिलाने की मांग रखी हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

श्रमिकों के साथ कलेक्ट्रट पहुंचे ब्रिजेश कश्यप ने बताया कि खेरली नगर पालिका चैयरमैन संजय गीजगढ़िया, जयदेव और योगेन्द्र के कठूमर बहतूकलां थाना क्षेत्र स्थित गांव बसेठ के निकट कनक ईंट भट्टे पर सभी मजदूर काम करते थे. पिछले आठ माह से उन्हें मजदूरी का हिसाब नहीं किया गया, जरूरत के हिसाब से हाथ खर्ची दी जाती रही, अब पिछले माह 25 जून को भट्टे को बंद कर दिया गया. इतना ही नहीं मजदूरों को पन्द्रह दिन से अधिक बंधक बना कर रखा गया, परिवार एवं महिलाओं से अभद्रता की गई.  मुख्यमंत्री को भी इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है, श्रम विभाग के उपायुक्त सहित जिला कलक्टर को निर्देशित किए जाने के बाद भी मजदूरों को मजदूरी नहीं दी जा रही हैं.


ये भी पढ़ें- LDC Recruitment: 9 साल में तीन सरकारें बदली, पर 10 हजार बेरोजगारों को नहीं मिली नौकरी


वहीं मजदूर भारत सिंह कश्यप ने बताया करीब पैंतीस से चालीस मजदूर कनक भटटे में मजदूरी करते थे, मजदूरी मांगने पर जान से मार देने की धमकी दी जा रही हैं.  मजदूरों को भट्टे पर बंधक बना रखा था, बडी मुश्किल से बचते बचाते जिला कलक्टर के पास पहुंचे हैं, मजदूरों की नहीं सुनी गई तो हम कलेक्ट्रट परिसर मे ही धरना प्रदर्शन कर जान दे देगें.


अपने जिले की खबर पढ़ने के लिये यहां क्लिक करें