मुंडावर में छठ पूजन के व्रत का हुआ समापन, 36 घंटे के बाद व्रतियों ने खोला व्रत
Chhath Puja 2022: अलवर जिले के नीमराना के ऐतिहासिक तालाब मैदान पर चल रही 4 दिन से छठ पूजा मैया कार्यक्रम का समापन आज सूर्य देव को अर्घ्य देकर समापन हो गया.
Mundawar: अलवर जिले के नीमराना के ऐतिहासिक तालाब मैदान पर चल रही 4 दिन से छठ पूजा मैया कार्यक्रम का समापन आज सूर्य देव को अर्घ्य देकर समापन हो गया. छठ पूजन के दौरान आज चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे का व्रत संपन्न हो गया जिसके बाद व्रतियों ने अपना व्रत खोला.
पूर्वांचल विकास समिति के बागेश्वर सिंह एवं छबीलदास ने बताया कि छठी मईया और सूर्यदेव की उपासना का महापर्व उगते सूर्य को जल के साथ संपन्न हुआ है. इस व्रत में उगते सूर्य को जल देने का बहुत महत्व माना गया है. सूर्य को अर्घ्य देने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. अर्घ्य में सूर्य देवता को जल, दूध अर्पित किया जाता है. सूर्य संपूर्ण ब्रह्मांड को ऊर्जा प्रदान करता है. सूर्य को जल देने के कई फायदे हैं.
माना जाता है कि सूर्य को अर्घ्य देने से सौभाग्य बना रहता है. सूर्य को निडर और निर्भीक ग्रह माना जाता है. इसी आधार पर सूर्य को अर्घ्य देने वाले श्रद्धालुओं को भी यह गुण प्राप्त हो जाता है. इसके अलावा कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. सूर्य में अर्घ्य देने से शनि की बुरी दृष्टि का प्रभाव भी कम होता है. सूर्य देवता को अर्घ्य देने का असर बुद्धि पर पड़ता है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है.
छठ पूजा कार्यक्रम के समापन के अवसर पर सुमेर सिंह यादव, छबीलाराम,युवा सामाजिक कार्यकर्ता रिंकू बड़सीवाल,रामचंद्र प्रधान, मनोज ठेकेदार ,काशीनाथ यादव ,बागेश्वर सिंह ,अशोक कुमार, रमेश ठाकुर, रमेश ,चुन्नू ,संदीप आदि लोग मौजूद रहें.
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