Rajasthan News: भिवाड़ी में हाईवे पर हुए जलभराव के बाद जिला कलेक्टर ने संयुक्त मीटिंग ली. जिसके बाद पानी में से वाहन नहीं निकलने इसको लेकर रणनीति तैयार की गई. उसी रणनीति के तहत भिवाड़ी के बाईपास पर भिवाड़ी का ट्रैफिक जाब्ता और यूआईटी थाने के एसएचओ सचिन शर्मा भारी पुलिस जाब्ते के साथ बैरिकेडिंग करते हुए वाहनों को डाईवर्जन करने लगे.


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मौके पर आए हरियाणा पुलिस के सिर्फ एक एएसआई ने राजस्थान पुलिस के जवानों को हरियाणा से भाग जाने की धमकी दी. साथ ही वहां मौजूद पुलिसकर्मियों की कुर्सियों पर लात मारते हुए बैरिकेडिंग को हटा दिया.


इस दादागिरी को राजस्थान पुलिस खड़ी देखती रह गई. इतना ही नहीं हरियाणा पुलिस ने नाले में डाली गई मिट्टी को भी हटा दिया. इस घटना के बाद हरियाणा के काफी ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए. हरियाणा पुलिस के एएसआई ने मीडियाकर्मियों के साथ भी बदसलूकी की.


दरअसल, भिवाड़ी में प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही के चलते कुछ कंपनियां गंदा पानी रिको के नाले में छोड़ देती है. भिवाड़ी में लगा सीईटीपी प्लांट कम क्षमता के कारण इस गंदे पानी को ट्रीट नहीं कर पता,और गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है. भिवाड़ी का पानी जब पड़ोसी राज्य हरियाणा में जाने लगा तो खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहारलाल खट्टर ने करीब 6 माह पहले राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर खड़े होकर रोड के दोनो साइड बड़े रैंप बनवा दिए. जिससे भिवाड़ी का गंदा और घरेलू पानी सड़कों पर बहने लगा. कई कलेक्टर आए और आते ही गंदे पानी को लेकर बैठकों का दौर शुरू किया.लेकिन प्रशासन आज तक उस रैंप को नहीं हटवा पाए जिससे 6 माह से सड़के समुंदर बन गई.


भिवाड़ी का बाईपास कभी लोगों की चहलकदमी से गुलजार होता था, लेकिन आज उस बाईपास पर लोगों का पैदल चलना भी दुभर हो चला है,तिजारा विधायक बाबा बालकनाथ ने खुद हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर से मुलाकात की और जल्द पानी के समाधान का आश्वासन दिया लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है.