Jaipur News: जी मीडिया की खबर के बाद में पीएचईडी इंजीनियर्स को चार्जशीट देने की तैयारी है. अलवर जल जीवन मिशन में जी मीडिया ने जमीन खोदकर जलदाय विभाग की इंजीनियरिंग की सच्चाई उजागर की थी. जिसके बाद में जिम्मेदार इंजीनियर्स पर जल्द गाज गिर सकती है. जी मीडिया ने पाइप लाइन की ग​हराई और घटिया बोरवेल को लेकर प्रमुखता से मुद्दा उठाया था. खबर के बाद अलवर-एनसीआर SE केसी मीणा को एपीओ कर दिया है.


विशेष जांच टीम लगा चुकी खबर पर मुहर


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जी मीडिया की पड़ताल पर विशेष जांच टीम ने भी मुहर लगाई थी. अलवर के जल जीवन मिशन में पाइप डालने में कई खामियां उजागर हुई. विशेष जांच दल को जगह-जगह पाइप की गहराई कम मिली. जी मीडिया ने खुलासा किया था कि 39 इंच की बजाय 9 इंच गहराई पर पाइप लाइन डाली थी. जांच टीम में क्वालिटी कंटोल एसई मुकेश गर्ग को कमियां मिली थी. उन्हें 5 स्कीम्स में कई जगहों पर कम गहराई पर लाइने डाली थी. अलवर ग्रामीण में मालाखेडा के मुंडिया, किशनगढ के बसई कला और मुंडावर के नागंल संतोकडा में जांच टीम ने पाइप के 8 सैंपल लिए थे.


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ये है जिम्मेदार इंजीनियर


तत्कालीन एक्सईएन नरेंद्र प्रसाद गुप्ता, एक्सईएन दिव्यांक त्यागी तत्कालीन एईएन राजेश शर्मा,वर्तमान एईएन बरकत खान अलवर-एनसीआर में  जल जीवन मिशन में योजनाओं के लिए जिम्मेदार है. अब विभाग इंजीनियर्स को जल्द ही चार्जशीट थमाकर कार्रवाई करेगा.



ऐसे खुली थी पोल



नियमों के तहत फर्म को 1 मीटर यानि 39 इंच की गहराई पर पानी की पाइप लाइन डालनी थी, लेकिन जब जमीन खुदी तो पता चला कि केवल 7 इंच गहराई पर ही पाइप लाइन डालकर मिट्टी डाल दी. इंजीनियर्स की मिलीभगत के करते हुए नियमों की खुलेआम धज्जियां उडाई. यहां केवल पाइप लाइन डालने में ही गड़बड़ी नहीं हुई, बल्कि घटियां पाइपों का भी इस्तेमाल किया गया. पानी के पाइपों को जब सूंघा गया तो उसमें बदबू आ रही थी. यानि पाइप कंपनियों ने घटियां पाइपों का इस्तेमाल कर पानी की लाइनें डाल दी.