Rajasthan Crime: अलवर के मनु मार्ग में रहने वाली एक युवा महिला इंजीनियर को 3 घंटे डिजिटल अरेस्ट करने का मामला सामने आया है. इस दौरान आरोपियों ने महिला को एक कमरे में बंद कर लिया और किसी से बातचीत नहीं करने के आदेश दिए. 


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फोन करने वाले आरोपी ठग, महिला को आतंकी संगठनों से संपर्क होने और उनसे फंडिंग मिलने व मनी लांड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देते रहे. साथ ही ED, CBI जैसी बड़ी संस्थाओं का नाम लेकर पीड़िता को धमकाया गया.



इसी दौरान वहां पहुंचे इंजीनियर के पति को भी आरोपियों ने अपनी बातों में फंसा लिया और उनको भी करीब 1 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया. इसी बीच जब पीड़िता की हालत खराब होने लगी. तो वहां मौजूद उसके पति ने तुरंत फोन काट दिया और मामले की सूचना परिजनों और साइबर थाना पुलिस को दी.



जानकारी के अनुसार, अलवर के मनु मार्ग हाऊसिंग बोर्ड में रहने वाले फलित गुप्ता पेशे से व्यापारी हैं. उनकी पत्नी आर्शी गुरुग्राम की एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. 



मंगलवार को दोपहर करीब 1 बजे आर्शी के पास फोन आया. फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को RBI का अधिकारी बताते हुए उसको अपनी बातों में फंसाया और धीरे-धीरे उससे जानकारी निकालने लगा. 



आरोपी ने बातचीत के दौरान आर्शी का आधार कार्ड नंबर जान लिया. साथ ही उसकी नौकरी और सैलरी के बारे में भी जानकारी जुटा ली.  इतना ही नहीं आरोपी ने धीरे-धीरे बातचीत बढ़ाकर साथ ही परिवार के बारे में भी जानकारी ली. उसके बाद आर्शी को डिजिटल अरेस्ट करने की जानकारी दी. 



इस दौरान फोन करने वाले व्यक्ति ने कमरे का गेट बंद करने के लिए कहा और इस बारे में किसी को जानकारी नहीं देने के आदेश दिए. उसके बताए अनुसार आर्शी उनके ऑर्डर मानती रही और पूरी तरह से उनकी बातों में फंस गई.



ठगों ने फेक हैदराबाद पुलिस अधिकारी, CBI अधिकारी व ED अधिकारी से फोन पर अलग-अलग लोगों से महिला की बात करवाई और उसके बाद वीडियो कॉल पर आर्शी को गवाही देने के लिए कहा.



इस दौरान उन्होंने पीड़िता को अरेस्ट वारंट भेजा और अन्य दस्तावेज भी सोशल मीडिया पर भेजे. यह देखकर पीड़िता उनकी बातों में फंस गई और उनके बताएं अनुसार चलती रही.



इसी बीच वहां पहुंचे उनके पति को भी आरोपियों ने अपनी बातों में फंसा लिया और एक घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा. इस दौरान आरोपी वीडियो कॉल पर आतंकी संगठनों से फंडिंग मिलने, आतंकी संगठनों के लिए काम करने, मनी लांड्रिंग केस में फंसाने सहित कई तरह की धमकियां देने लगे.



यह सुनकर आर्शी की तबीयत खराब होने लगी और रोने लगी. ठगों की बात सुनकर वो सदमे में आ गई. यह देखकर उनके पति ने तुरंत फोन काट दिया.



उसके बाद पूरे मामले की सूचना उन्होंने अपने परिवार के लोगों को दी. परिवार के सदस्यों की सलाह के बाद उन्होंने मामले की जानकारी अलवर साइबर पुलिस को दी गई.



पीड़िता ने बताया कि वीडियो कॉल पर पुलिस थाने की फोटो और वीडियो नजर आ रही थी. फोन करने वाले लोग पुलिस की ड्रेस में दिख रहे थे. उनको धमकी दे रहे थे कि उनके बेटे और पति को जान से मार देंगे.



साथ ही कई बड़े आतंकी संगठनों का नाम लेकर उसमें फंसाने की भी बात कह रहे थे. इस घटना को लेकर पीड़िता व उसके परिजन खासे डरे हुए हैं. पीड़िता सदमे में है. साथ ही इस पूरे डिजिटल अरेस्ट के दौरान ठगों ने उनको कई तरह के फर्जी दस्तावेज भी भेजें.