Rajasthan News: राजस्थान में खैरथल तिजारा जिले के भिवाड़ी में स्वास्थ विभाग के लचीलेपन की वजह से आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. भले ही राज्य सरकार स्वास्थ सेवाओं को लेकर भरकस प्रयास कर रही हो, लेकिन खैरथल तिजारा जिले के भिवाड़ी औद्योगिक नगरी के कहरानी गांव में इन दिनों स्वास्थ विभाग के लचीलेपन की वजह से आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 


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इस गांव में लाखों रुपये खर्च करके आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नाम से उपस्वास्थ केंद्र तो बना दिया गया, लेकिन उस उपस्वास्थ में ना तो कोई डॉक्टर है और ना ही कोई नर्सिंग ऑफिसर, लाखों रुपये की लागत से बने इस स्वास्थ केंद्र में लोगों ने अपने ईंधन रखने शुरू कर दिए हैं. 



जब ज़ी राजस्थान की टीम को इसकी जानकारी लगी, तो ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान उन्हें बताया गया कि नर्सिंग ऑफिसर, ANM स्टाफ गांव के सरकारी स्कूल में बैठते हैं, लेकिन जब वहां जाकर देखा तो सब नदारद मिले. लोगों को राज्य सरकार की तरफ से मिलने वाली फ्री दवाई की पड़ताल की गई, तो ज़ी राजस्थान के कैमरे में सरकार की महंगी दवाई कबाड़ में तब्दील मिली. 



ये दवाई जहां रखी गई वो कोई सरकारी भूमि नहीं बल्कि कहरानी गांव की एक आशा वर्कर के घर पर पड़ी मिली. हालांकि इस मामले में जब जिला चिकित्सा अधिकारी अरविंद गेट से बात की गई, तो वो इस गंभीर विषय पर सफाई देने लगे. अरविंद गेट ने बताया कि अभी उपस्वास्थ केंद्र का उन्हें कब्जा नहीं मिला है. 


कब्जा लेने के लिए ठेकेदार से बात की जाएगी. कबाड़ बनी दवाई पर गेट ने बताया कि वो लोग दवाई रखने का किराया देते हैं और वहां पर एक CHO की नियुक्ति की हुई है. अगर वहां कोई नहीं बैठता तो उसके खिलाफ जो भी विभागीय कार्रवाई होगी वो अमल में लाई जाएगी.