Rajasthan News: राजस्थान सरकार महिलाओं की व्यावहारिक जरूरतों पर केंद्रित अनूठी महिला सशक्तीकरण पहल ‘मरु उड़ान' 9 जनवरी से पूरे प्रदेश में शुरू करेगी. बाड़मेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए इस पहल की शुरुआत की थी.
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Rajasthan News: राजस्थान सरकार महिलाओं की व्यावहारिक जरूरतों पर केंद्रित अनूठी महिला सशक्तीकरण पहल ‘मरु उड़ान' 9 जनवरी से पूरे प्रदेश में शुरू करेगी. बाड़मेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी ने पिछले साल नवंबर में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए इस पहल की शुरुआत की थी. इसके असर को देखते हुए राजस्थान सरकार द्वारा इसे 'राजस्थान मरु उड़ान' के नाम से पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है.
Women Empowerment विभाग की आयुक्त नीतू राजेश्वर ने आदेश जारी किया है. इस कार्यक्रम के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इसे 9 जनवरी से पूरे राजस्थान में 'राजस्थान मरु उड़ान' नाम से शुरू किया जाएगा. कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, उद्योग, पुलिस, परिवहन, कृषि एवं बागवानी, शिक्षा विभाग सहित विभिन्न विभाग हिस्सा लेंगे.
पंचायत स्तर पर आयोजित होंगे कार्यक्रम
इस पहल के तहत मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, आत्मरक्षा, साइबर अपराध, ड्राइविंग कोर्स, कौशल प्रशिक्षण, व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन, बाजरा कुकीज प्रशिक्षण कार्यशाला एवं पर्यावरण संरक्षण, जल प्रबंधन और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी कई गतिविधियां और सत्र आयोजित होंगे. स्वास्थ्य जांच शिविर भी लगाए जाएंगे. ये कार्यक्रम जिला एवं पंचायत समिति स्तर पर आयोजित किए जाएंगे.
12 नवंबर से बाड़मेर में जारी
बाड़मेर में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना के तहत शुरू किए गए 'मरु उड़ान' कार्यक्रम में सभी पंचायत मुख्यालयों पर 12 प्रखंड-स्तरीय और एक जिला-स्तरीय संवाद सत्र आयोजित किया गया. महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार और आत्मरक्षा के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बाड़मेर जिले में गत वर्ष 12 नवंबर से नवाचार के रूप में 'मरु उड़ान' कार्यक्रम चल रहा है.
3000 से अधिक महिलाएं हुईं शामिल
जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बताया कि इसमें 3000 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया और 1538 महिलाओं ने 5000 स्वास्थ्य जांच भी कराई. ये कार्यक्रम 12 नवंबर को शुरू हुआ और आखिरी ब्लॉक स्तरीय संवाद सत्र 28 नवंबर को हुआ. जिला स्तरीय कार्यक्रम 29 नवंबर को बाड़मेर के टाउन हॉल में संपन्न हुआ था.
टीना डाबी ने आगे कहा कि इस पहल को महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वरोजगार, आत्मरक्षा और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है. बीते वर्ष नवंबर में हुए प्रखंड-स्तरीय कार्यक्रमों में महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं की महत्तम भागीदारी सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था.
उन्होंने बताया कि कुल 50 सत्र आयोजित किए गए, जिसमें से प्रत्येक कार्यक्रम में चार मुख्य सत्र थे. इन सत्रों में विषय विशेषज्ञों ने महिलाओं और लड़कियों के साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण, वित्तीय प्रबंधन, सरकारी योजनाओं और करियर काउंसलिंग जैसे विषयों पर बातचीत की. सत्रों के लिए 55-60 महिलाओं के छोटे समूह बनाए गए, ताकि उनसे खुली चर्चा को प्रोत्साहित किया जा सके.