House collapsed in rain, Naswari 2 girls buried: रामगढ़ क्षेत्र के नसवारी में बारिश के चलते एक मकान ढह गया. जिससे मकान के भीतर सो रही दो लड़कियां मकान के नीचे दब गई. जैसे ही स्थानीय लोगों को मकान के गिरने की सूचना मिली तुरंत पूरा गांव मौके पर इकट्ठा हो गया और मकान के अंदर दबी लड़कियों को ढूंढने का सिलसिला शुरू हुआ.


मकान के नीचे दबने से 1 की मौत


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मकान के नीचे दबी दो लड़कियों में एक की आवाज बाहर आ रही थी जिसे लोगों ने आधे घंटे के भीतर बाहर निकाल लिया लेकिन दूसरी लड़की 1 घंटे तक मकान के अंदर नहीं मिली 1 घंटे बाद जब लड़की मिली तो वह सर में चोट लगने के कारण उसकी मृत्यु हो चुकी थी. पीड़ित साहुन के परिवार में पत्नी सहित पांच लड़कियां तथा दो लड़के हैं जिनमें से बड़ी लड़की नजराना मकान के अंदर सो रही थी.


परिवार में पत्नी सहित पांच लड़कियां तथा दो लड़के मकान में


सरपंच अनवर अजान ने बताया कि हमारे गांव में साहुन खान पुत्र हमीद खान का मकान बीती रात 12 बजे बारिश में गिर गया मकान में सो रही दो लड़कियां मकान के अंदर दब गई जिनमें से एक लड़की मुस्कान उम्र 15 वर्ष को जिंदा बाहर निकाल लिया गया जबकि दूसरी लड़की नजराना उम्र 19 वर्ष मृत पाई गई.


रात को पूरे गांव ने मकान के मलबे को जेसीबी की सहायता से हटाकर लड़कियों को निकाला है. बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. मकान के अंदर 6 बकरियां भी जिंदा दब गई. मकान गिरने के बाद पीड़ित सावन खान को लाखों रुपए का नुकसान हो गया और एक बेटी को भी खो दिया.


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घटना की सूचना मिलते ही गोविंदगढ़ पटवारी मौके पर पहुंचा और पीड़ित के नुकसान का मौका पर्चा तैयार किया गया. वहीं उपखंड अधिकारी ने कहा कि घटना बहुत ही दुखद है पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी.


अब पीड़ित के पास नहीं है रहने को मकान


सरपंच अनवर अजान ने बताया कि अब पीड़ित सावन खान के पास रहने को कोई मकान नहीं है यही एक पुराना मकान था जो भी अब बारिश में गिर गया. अब रहने के नाम पर सावन के पास केवल दो दुकाने हैं. सरपंच ने कहा कि इस प्रशासन को बोलकर पीड़ित को मुआवजा दिलवाएगें.


घायल मुस्कान बोली मौत पास से छू कर गई


वहीं घटना में घायल हुई मुस्कान ने कहा कि में रात को खाना खाने के बाद नजराना के साथ एक ही खाट पर सोई हुई थी रात को लगातार बारिश आ रही थी और हम छत के ऊपर बने चौबारे में सो रहे थे, रात में मकान गिर गया और हम उसमें दब गए. अल्लाह के रहम से मैं तो जिंदा बच गई लेकिन नजराना नहीं रही इस बात का बहुत दुख है.


हादसे के वक्त बाकी परिवार दुकानों में था. घटना के वक्त बाकी परिवार घर के पास में बनी दुकानों में सो रहा था अगर घर के अंदर बाकी के परिवार जन होते तो पूरा परिवार घटना में खत्म भी हो सकता था.