Bansur, Alwar: अहीर शौर्य रेंजागला युद्ध में शहीद हुए 114 अहीर वीरों की शहादत में रेजांगला शहादत शौर्य कलश यात्रा बेमिसाल बलिदान की हीरक जयंती के 60वें वर्ष पर शहादत शौर्य यात्रा 18 नवंबर को कोटकासिम के लालपुर गांव से शुरू होकर मंगलवार को बानसूर क्षेत्र में पहुंची. अलवर जिले से शुरु हुई यह शौर्य यात्रा पुरे राजस्थान के गांव-गांव में जाएगी. वहीं, आज बानसूर में प्रवेश करने पर यादव समाज के लोगों ने शौर्य यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया जा रहा है. यात्रा बानसूर के आलनपुर से प्रवेश कर 24 गांवो से होकर निकल रही है.


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यादव समाज के अलवर जिला अध्यक्ष ने यात्रा को लेकर कहा की शौर्य यात्रा का मुख्य उद्देश्य अहीर रेजिमेंट का गठन हो. हिंदुस्तान की फौज में सभी जातियों की रेजिमेंट बनी हुई है. और अहीर समाज की रेजिमेंट नही है. हमारी सबसे बड़ी मांग अहीर रेजिमेंट बनाना है. उन्होनें बताया कि 18 नवंबर 1962 रेंजांगला पोस्ट पर जब युद्ध हुआ था, जब 120 जवानों की टुकड़ी मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में जब चीन ने आक्रमण किया था, जिसमें 114 अहीर वीर शहीद हुए थे.


यह विश्व के प्रसिद्ध 5 विश्व युद्धों में से एक युद्ध था. इसका खिताब लिखा हुआ है. जब 114 अहीर वीरों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहादत दी गई थीं. उसी को लेकर 18 नवंबर 2022 को कोटकासिम के लालपुरा से शुरु होकर रेजांगला की मिट्टी को कलश में लेकर पूरे जिले और राजस्थान में गांव-गांव और ढाणी-ढाणी में लोगों को दर्शन करवा रहे हैं.