Success story: राजस्थान के अलवर में एक मीणा परिवार जजों का खान है, आपको यहां बता दें कि एक ही परिवार से चार बेटियां और एक बेटा जज हैं.यह युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने की एक सच्ची कहानी है.जहां माता-पिता के संस्कारों की बदौलत बच्चों ने मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया. भागीरथ मीणा अलवर के स्कीम नम्बर आठ के रहने वाले है.


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उनका नया बास सर्किल पर पेट्रोल पंप है. उनके दो बेटे और पांच बेटियां है. इसमे सबसे बड़ी बेटी दुर्गेश की शादी दिल्ली में पोस्टेड भारतीय इंजीनियर सेवा में अफसर (आईइएस )मनोज कुमार मीणा के साथ हुई.मनोज कुमार मूलरूप से राजस्थान के दौसा जिले के कोलाणा गांव के रहने वाले हैं.


भागीरथ मीणा स्वयं सरकारी सेवा में रहे वह भारी Udyog के सार्वजनिक उधमो में दिल्ली में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर रहे. यहां से 2010 में इन्होंने वीआरएस ले लिया. उसके बाद उन्होंने अलवर में नयाबास सर्किल पर पेट्रोल पंप खोल लिया.भागीरथ मीणा भी दो भाई और दो बहन थे. इसमे बहने तो हाउस वाइफ रही. वहीं, उनके बड़े भाई मिट्ठन लाल मीणा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में रीडर थे.


भागीरथ मीणा ने अपने बच्चों को पढ़ाने में अलवर से बाहर आने-जाने में कभी कदम नहीं रोके. उन्होंने बेटियों को अकेले बाहर जाकर पढ़ने पर पूरा भरोसा किया. बच्चे अपने माता-पिता की उम्मीदों पर खरे उतरे.आज घर में पांच सगे भाई बहन जज बन चुके हैं. इसके अलावा सबसे बड़ी बेटी दुर्गेश बैंक में है और एक छोटा बेटा खलेश लॉ की पढ़ाई कर रहा है.


भागीरथ मीणा की दूसरे नम्बर की बेटी कामाक्षी सबसे पहले 2016 में जज बनी. उसके बाद 2019 में निधीश मीणा फिर 2020 में सुमन मीणा जज बनी.एक के जज बनने के बाद सभी ने वहीं, राह पकड़ी और मेहनत के बल पर उन्हें सफलता मिलती चली गई. फिर 2023 में मीनाक्षी और मोहिनी का भी न्यायिक सेवा में चयन हुआ. अब अब छोटा भाई भी अपने भाई बहनों की तरह जज बनना चाहता है जिसकी तैयारी में वह लगा हुआ है.


 शिक्षा के बल पर यह मुकाम पाया
भागीरथ मीणा की सबसे बड़ी बेटी दुर्गेश बीटेक इलेक्ट्रॉनिक की पढ़ाई करने के बाद उसे पंजाब एंड सिंध बैंक में नौकरी मिली. वह वहां पीओ के पद पर काम कर रही है. उनकी शादी भी आईएस मनोज मीणा से हुई. वह भी दिल्ली के कार्यरत है. कामाक्षी मीणा ने एनएलयू पटियाला पंजाब से एलएलबी और दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलएम किया जो अब राजस्थान के सांगानेर में सिविल जज के रूप में कार्यरत है.


इसी तरह मीनाक्षी ने एलएलयू जयपुर से एलएलबी और एनएलयू बेंगलुरु से एलएलएम कर रही है वह अभी सिविल जज के रूप में दिल्ली में सेवाएं दे रही है.इसी तरह मोहिनी मीणा ने एनएलयू पटियाला पंजाब से एलएलबी की और दिल्ली विश्वविद्यालय से एमएलएम कर रही है फिलहाल वह दिल्ली में सिविल जज के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाल रही है.


सुमन मीणा ने भी एनएलयू पटियाला पंजाब से एलएलबी करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से एमएलएम के बाद वह राजस्थान के चौमू में सिविल जज के पद पर कार्य कर रही है.इनके भाई निधीश मीणा बीए ऑनर्स,एनएलयू गांधी नगर गुजरात से एलएलबी करने के बाद अब दिल्ली में द्वारका में सिविल जज के पद पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.


वहीं, अब अपने भाई बहनों की राह पर छोटा भाई खलेश भी अपनी तैयारी में जुटा है, वह फिलहाल नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जोधपुर में थर्ड ईयर का स्टूडेंट है.भागीरथ मीणा बताते हैं अलवर के बागर का बास के रहने वाले यादराम मीणा राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनें.जब वह अपने बच्चों के साथ उनके घर जाते तो बच्चो तभी यह घर कर गयी कि उन्हें जज बनना है. उन्ही से प्रेरणा लेकर बच्चो ने मेहनत की और उन्हें न्यायिक सेवा में जाने में सफलता मिली लेकिन यादराम मीणा आज हमारे बीच नही है पिछले दिनों उनका स्वर्गवास हो गया.


यह सच है अलवर के भागीरथ मीणा का परिवार जजों की खान है उनकी चार बेटियां कामाक्षी ,मीनाक्षी ,मोहिनी और सुमन सहित बेटा निधीश जज बने हैं.जिन्होंने अलवर का नाम पूरे देश में रोशन किया है, जिससे मां कमलेश और पिता भागीरथ मीणा का सीना गर्व से चौड़ा हो रहा है.


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