Dungarpur News: डूंगरपुर जिले में विधानसभा चुनाव के तहत भाजपा, कांग्रेस के बाद अब पहली बार मैदान में आई बीएपी में भी टिकट वितरण को लेकर विरोध शुरू हो गया है. बीएपी जिलाध्यक्ष अनुतोष रोत के साथ कई पदाधिकारियों ने डूंगरपुर व सागवाडा विधानसभा पर घोषित टिकट का विरोध करते हुए केंद्रीय एकीकरण कमेटी द्वारा आदिवासी सलेक्शन प्रणाली ने नियमों को दरकिनार करने के आरोप लगाये है. वहीं दोनों टिकट बदलने की मांग की है. वहीं 2 दिनों में टिकिट नहीं बदलने पर अगली रणनीति के तहत निर्णय लेने की चेतावनी भी दी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के जिलाध्यक्ष अनूतोष रोत ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा की डूंगरपुर और सागवाड़ा समेत 4 सीटों की घोषणा आधी रात को की गई. जिसमें उन्होंने डूंगरपुर व सागवाडा विधानसभा सीट पर आदिवासी सलेक्शन प्रणाली को पूरी तरह से दरकिनार किया गया है. यहां आदिवासी सलेक्शन प्रणाली के तहत ही चयनित प्रत्याशी को टिकिट देना था. लेकिन राष्ट्रीय कमेटी ने बिना आमराय के अपने मनमाने तरीके से डूंगरपुर सीट पर प्रत्याशी उतार दिया. अनुतोष रोत ने कहा की मैं डूंगरपुर में पार्टी का जिलाध्यक्ष हूं. मेरे साथ ब्लॉक, मंडल और गांव के मुखी की कमेटी है. लेकिन किसी की राय नहीं ली गई. ऐसे में बीएपी के कार्यकर्ताओ में नाराजगी है.


कार्यकर्ता अब मानने लगे है कि बीजेपी, कांग्रेस की तरह ही बीएपी ने भी थोपा गया उम्मीदवार दिया गया है. डूंगरपुर सीट से 18 उम्मीदवार थे. जिसमे से समझाइश करने के बाद 5 उम्मीदवार रह गए थे. उन्हे सलेक्शन प्रणाली से वोटिंग कर सर्वसम्मति से चुनना था. लेकिन केन्द्रीय कमेटी ने अपनी मनमानी से सलेक्शन प्रणाली के नियमों को दरकिनार करते हुए डूंगरपुर व सागवाडा की टिकट की घोषणा कर दी. उन्होंने दोनों टिकट वितरण का विरोध करते हुए दोनों टिकट बदलने की मांग की है. 2 दिनो में टिकिट नही बदलने पर अगली रणनीति के तहत निर्णय लेने की चेतावनी भी दी है.


ये भी पढ़ें-


Rajasthan Weather Update: नया पश्चिमी विक्षोभ हो रहा सक्रिय, जानिए मौसम पर कैसा पड़ेगा प्रभाव


राजस्थान: अवैध सामग्री जब्त करने के मामले में हर दिन नए रिकॉर्ड,17 दिन में 300 करोड़ का आंकड़ा पार