सरकारी कर्मचारियों का भी नहीं मिला अशोक गहलोत को साथ, पोस्टल बैलेट में ही हो गया था `बड़ा खेला`
राजस्थान में चुनाव परिणामों में एक नया रुझान देखने को मिला है. पोस्टल बैलेट की जो गणना की गई है, उसमें अलग तरह के रुझान सामने आए हैं. पोस्टल बैलेट में सभी सरकारी कर्मचारी होते हैं.
Rajasthan Election 2023: राजस्थान में चुनाव परिणामों में एक नया रुझान देखने को मिला है. पोस्टल बैलेट की जो गणना की गई है, उसमें अलग तरह के रुझान सामने आए हैं. पोस्टल बैलेट में सभी सरकारी कर्मचारी होते हैं. ऐसे में गहलोत सरकार को ओपीएस के ब्रह्मास्त्र से जीत की उम्मीद थी, लेकिन यह ब्रह्मास्त्र भी विफल रहा है.
कहा जाता है कि मतगणना की गिनती पोस्टल बैलेट के साथ शुरू होती है. मतगणना के दिन सुबह 8 बजे से लेकर साढ़े आठ बजे तक आधे घंटे के लिए केवल पोस्टल बैलेट की गिनती की जाती है. और माना यह जाता है कि पोस्टल बैलेट का पहला रुझान परिणाम की झलक दिखाने वाला होता है. लेकिन वास्तव में इस बार के चुनाव परिणामों में यह बात गलत साबित हुई है. जयपुर जिले की 19 विधानसभा सीटों में से 9 विधानसभा सीटों में पोस्टल बैलेट ने उलटे परिणाम दिए हैं. यानी जो प्रत्याशी पोस्टल बैलेट के रुझान में आगे दिख रहा था, अंतिम परिणाम आते-आते उस प्रत्याशी को हार झेलनी पड़ी है.
दरअसल पोस्टल बैलेट सरकारी कर्मचारियों से भरवाए जाते हैं, जो ड्यूटी पर होते हैं. या फिर सेना में राज्य की सीमा से बाहर पदस्थापित जवानों से डाक मतपत्र भरवाए जाते हैं. जयपुर जिले की 19 विधानसभा सीटों में से 2 सीटें ऐसी रहीं, जिनमें भाजपा के प्रत्याशियों को पोस्टल बैलेट अधिक मिले, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है. आदर्श नगर से भाजपा के रवि नैय्यर पोस्टल बैलेट में आगे थे, लेकिन बाद में हार हुई. इसी तरह किशनपोल से चन्द्र मनोहर बटवाड़ा भी पोस्टल बैलेट में आगे रहने के बावजूद हार गए. जबकि 7 विधानसभा सीट ऐसी रही हैं, जिनमें कांग्रेस के प्रत्याशी को पोस्टल वोट अधिक मिले, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
ये प्रत्याशी जो हार गए, लेकिन पोस्टल वोट में जीत !
- किशनपोल से कांग्रेस के जीते प्रत्याशी अमीन कागजी को मात्र 303 पोस्टल वोट मिले
- जबकि भाजपा के हारे प्रत्याशी सीएम बटवाड़ा को 451 पोस्टल वोट मिले
- आदर्श नगर से कांग्रेस के जीते प्रत्याशी रफीक खान को मात्र 586 पोस्टल वोट
- जबकि भाजपा के हारे प्रत्याशी रवि नैय्यर को अधिक पोस्टल वोट 821 मिले
- मालवीय नगर से जीते भाजपा प्रत्याशी कालीचरण को 762 पोस्टल वोट मिले
- वहीं हारी हुई कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना शर्मा को 1122 पोस्टल वोट मिले
- सांगानेर से जीते प्रत्याशी भाजपा के भजनलाल को 1089 पोस्टल वोट मिले
- वहीं हारे हुए प्रत्याशी कांग्रेस के पुष्पेन्द्र भारद्वाज को 1208 पोस्टल वोट मिले
- झोटवाड़ा से जीते प्रत्याशी भाजपा के राज्यवर्धन राठौड़ को 1473 पोस्टल वोट मिले
- वहीं हारे हुए प्रत्याशी कांग्रेस के अभिषेक चौधरी को 1691 पोस्टल वोट मिले
- कोटपूतली से जीते भाजपा प्रत्याशी हंसराज पटेल को 748 पोस्टल वोट
- जबकि हारे कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र यादव को 1444 पोस्टल वोट मिले
- जमवारामगढ़ से भाजपा के जीते प्रत्याशी महेन्द्र पाल मीणा को 1009 पोस्टल वोट
- जबकि हारे कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल लाल मीणा को 1367 पोस्टल वोट मिले
- बगरू से जीते भाजपा प्रत्याशी कैलाश चंद वर्मा को 1262 पोस्टल वोट मिले
- जबकि कांग्रेस की हारी प्रत्याशी गंगा देवी को 1399 पोस्टल वोट मिले
- विराटनगर से जीते भाजपा प्रत्याशी कुलदीप को 885 पोस्टल वोट ही मिले
- जबकि कांग्रेस प्रत्याशी इंद्राज गुर्जर 1257 पोस्टल वोट के बावजूद हारे
पोस्टल बैलेट के ये आंकड़े कांग्रेस के लिहाज से चिंताजनक हैं. दरअसल पोस्टल वोट डालने वाले ज्यादातर राज्य सरकार के कर्मचारी होते हैं, जो चुनाव में या अन्य जगहों पर ड्यूटी लगी होने के चलते ईवीएम से वोट नहीं डाल पाते और पोस्टल बैलेट का विकल्प चुनते हैं. या फिर केन्द्र सरकार से जुड़े सेनाओं के जवान व अधिकारी शामिल होते हैं. चूंकि कर्मचारी वर्ग के लिए कांग्रेस सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम फिर से लागू कर दी थी. इसे कर्मचारी वर्ग के लिए कांग्रेस का ब्रह्मास्त्र माना जा रहा था. इस लिहाज से कर्मचारियों के करीब 90 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद की जा रही थी. हालांकि अपेक्षाकृत रूप से कांग्रेस प्रत्याशियों को अधिक पोस्टल वोट मिले हैं, लेकिन फिर भी यह संख्या कम मानी जा रही है.
जानिए किसे अधिक, किसे कम पोस्टल वोट मिले
- जयपुर की 19 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को अधिक पोस्टल वोट मिले
- कांग्रेस प्रत्याशियों को 22411 पोस्टल वोट मिले
- भाजपा प्रत्याशियों को 16874 पोस्टल वोट मिले
- सबसे अधिक पोस्टल वोट झोटवाड़ा में कांग्रेस के अभिषेक चौधरी को 1691 मिले
- सबसे कम 210 पोस्टल वोट शाहपुरा में भाजपा प्रत्याशी उपेन यादव को मिले
- इससे यह भी साफ हुआ कि ओपीएस के ब्रह्मास्त्र से कर्मचारी वर्ग अधिक खुश नहीं
- कांग्रेस को कर्मचारी वर्ग से 90 फीसदी वोट तक की उम्मीद थी
- लेकिन पोस्टल वोट से साफ है कि 57 फीसदी ने ही कांग्रेस को वोट दिया