मुख्यमंत्री के बाद क्या अब चौंकाने वाला होगा राजस्थान का नया मंत्रिमंडल! जानें रेस में है कौन
राजस्थान में सीएम को लेकर सस्पेंस मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर हुई बैठक के बाद खत्म हो गया. पार्टी प्रदेश महामंत्री और सांगानेर से पहली बार के विधायक भजन लाल शर्मा के रूप में प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिल गया.
Rajasthan New Cabinet: राजस्थान में सीएम को लेकर सस्पेंस मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर हुई बैठक के बाद खत्म हो गया. पार्टी प्रदेश महामंत्री और सांगानेर से पहली बार के विधायक भजन लाल शर्मा के रूप में प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिल गया. इसके साथ पार्टी ने दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाया है.. सीएम के अनाउंसमेंट के साथ ही विधायकों ने मंत्री बनने के लिए जोड़ तोड़ शुरू कर दी है.15 दिसंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में CM के साथ एक दर्जन मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है.
बीजेपी के आलाकमान ने भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने का एलान कर सब को चौकाने का काम तो किया ही साथ ही यह भी संदेश दिया कि पार्टी में एक कार्यकर्ता भी मुख्यमंत्री के पद तक पहुंच सकता है. संघ और संगठन पृष्ठ भूमि से सीएम बनने के बाद विधायकों अपनी अपनी लॉबिंग शुरू कर दी. कोई संघ से संपर्क साध रहा है तो कोई वरिष्ठ नेताओं को फोन करके ''दावेदारी मजबूत'' कर रहा है. तो कई विधायक आलाकमान के नजदीकी नेताओं को भी दिल्ली फोन कराने के प्रयास में जुट गया है, ताकि मंत्री का पद मिल जाए.
एक दर्जन मंत्री ले सकते हैं शपथ
पार्टी सूत्रों के अनुसार सीएम के साथ करीब एक दर्जन मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती है. इसलिए सीएम के नाम के साथ नए मंत्रियों की भी सूची तैयार की जा रही है.माना जा रहा है कि इस बार वरिष्ठ विधायकों के साथ नए चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, इसमें जातिगत संतुलन रखा जाएगा, ताकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सके. दरअसल मुख्यमंत्री और मंत्रियों की शपथ के साथ पहली कैबिनेट कुछ ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय भी लेने है जिससे प्रदेश की जनता में एक संदेश जाए और उसका असर 6 महीने बाद होने वाले चुनाव में दिखे.
वरिष्ठता के साथ जातीय समीकरण
भाजपा के वरिष्ठ विधायकों में से एक वासुदेव देवनानी को 16 वीं विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है. देवनानी के जरिये पार्टी ने सिंधी समाज को साधने के काम किया, वहीं दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को डिप्टी सीएम बना कर राजपूत और ऐसी समाज को साधने के काम किया. इसके अब अब बात मंत्रिमंडल की आती है, माना जा रहा है कि सीएम के साथ एक दर्जन विधायक मंत्रिमंडल की शपथ लेंगे जिसमे दोनों डिप्टी के अलावा 10 अन्य विधायक हो सकते है.
वरिष्ठता और जातीय समीकरण के लिहाज से देखे तो वैश्य समाज से आने वाले कालीचरण सराफ, मीणा समाज से आने वाले किरोड़ी लाल मीणा, जाट समाज से आने वाले कन्हयालाल चौधरी और कुलदीप धनकड़ में एक , वहीं गुर्जर समाज से कालू लाल गुर्जर, इसके साथ वरिष्ठ नेताओं के लिहाज से मदन दिलावर, प्रताप सिंह सिंघवी ,पुष्पेंद्र सिंह राणावत का नाम माना जा सकता है, इसके अलावा हिदुत्व चेहरे के लिहाज से बाबा बालकनाथ और बालमुकुंदाचार्य माना जा सकता है. महिलाओं में देखें तो पूर्वमंत्री अनिता भदेल, दीप्ति किरण माहेश्वरी का नाम माना जा सकता है.
वसुंधरा राजे को लेकर सस्पेंस
मुख्यमंत्री बनने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं. राजनीति के पंडित इस बात को मानते हैं कि भजन लाल शर्मा के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शायद ही मंत्री के रूप में वसुंधरा राजे शामिल होने को लेकर तैयार हो. ऐसे में पार्टी शीर्ष नेतृत्व अब उनकी नई भूमिका को लेकर विचार कर रहा है. इसके साथ पार्टी में दो वरिष्ठ नेता जिसमे पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनियां जो चुनाव हार गए हैं उनको लेकर भी पार्टी शिर्ष नेतृत्व अच्छे विकल्प के पद देने पर विचार कर रहा है.