Rajasthan Politics: प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो चुका है कांग्रेस विधानसभा में अब स्पीकर के दांए हाथ की बजाय बांए हाथ की तरफ़ बैठेगी भूमिका बदल चुकी है लेकिन अब सवाल यह उठता है कि कांग्रेस की आगे की रणनीति क्या होगी? क्या पार्टी हार की समीक्षा के साथ ही लोकसभा की तैयारियों में जुट जाएगी? क्या हार के बाद नेताओं की ज़िम्मेदारी तय होगी? क्या इस ज़िम्मेदारी के आधार पर नेताओं से जवाब लिया जाएगा? और सवाल यह भी कि क्या इन नेताओं के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं से भी किसी तरह के जवाब की अपेक्षा करती है? बहरहाल आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी समीक्षा करेगी लेकिन इस समीक्षा से पहले जानते की कोशिश करते हैं कि कांग्रेस की हार में किन कारणों ने बड़ी भूमिका निभाई?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कांग्रेस की सत्ता का सूर्यास्त हो चुका है राज्य में अब अब बीजेपी का सूरज उगा है और कमल भी खिल गया है पूरे 115 कमल खिलकर बीजेपी की झोली में आ गए हैं कांग्रेस भी विपक्ष में बैठने के लिए तैयार दिख रही है लेकिन क्या यह पराजय कांग्रेस के गले उतर रही है? दरअसल इस हार के लिए कांग्रेसी मन से कितने तैयार थे या नहीं इस बारे में तो दावे से कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन बयानों में सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा और सचिन पायलट तक कोई भी अपनी हार मानने के लिए तैयार नहीं थे,


चुनाव के पहले के बयानों को चुनावी नतीजों ने हकीकत से रूबरू करा ही दिया सत्ता से बाहर हुई तो कांग्रेस ने हार भी मानी और आगे के रास्ते पर बढ़ने की बात भी की पार्टी चिन्तन-मनन की बात कर रही है और हर बार की तरह इस बार भी समीक्षा सिर्फ हार की ही होती दिख रही है. कांग्रेस के नेता आगे बढ़ने की बात तो कर रहे हैं लेकिन कार्यकर्ता के मन में जिज्ञासा इस बात की है कि क्या जिस तरह विधानसभा चुनाव में गए या जिस एकजुटता से विधानसभा चुनाव में लड़े क्या उसी एकजुटता से आगे की तैयारी करेंगे?


ये भी पढ़ें:


Rajasthan NEW CM Live: मुख्यमंत्री के नाम को लेकर आज होगा सस्पेंस खत्म! पीएम नरेंद्र मोदी बीजेपी संसदीय दल की बैठक के लिए पहुंचे


Sukhdev Singh Gogamedi Case Live: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के विरोध में हनुमानगढ़ बंद, निजी स्कूल भी रहेंगे बंद