Rajasthan Chief Minister: वसुंधरा राजे पहुंची दिल्ली, कुछ नाम हुए CM रेस से बाहर, जानें पिछले 72 घंटें में कैसे बदली तस्वीर
Rajasthan Next CM: पिछले 72 घंटे में कैसे तस्वीर बदली और कौन से नेता मुख्यमंत्री की रेस में शामिल हुए और कौन बाहर हो गए. चलिए जानते है कब क्या हुआ.
Rajasthan Next CM: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को जनादेश मिले हुए 3 दिन गुजर गए हैं, लेकिन अब भी सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा. पिछले तीन दिन के दौरान एक दर्जन से ज्यादा नेताओं के नाम मुख्यमंत्री की रेस में चल चुके हैं, लेकिन तस्वीर अब भी धुंधली ही दिखाई दे रही है. वहीं इसी बीच एक बड़ा डेवलपमेंट यह है कि वसुंधरा राजे जयपुर से दिल्ली पहुंच गई है, लिहाजा ऐसे में सियासी कयासबाजी और हलचलों तेज हो गई हैं. चलिए जानते हैं कि आखिर पिछले 72 घंटे में कैसे तस्वीर बदली और कौन से नेता मुख्यमंत्री की रेस में शामिल हुए और कौन बाहर हो गए.
दरअसल भाजपा अपने फैसलों से चौंकाने के लिए जानी जाती है, जहां महाराष्ट्र में भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री को डिप्टी सीएम बना दिया तो वहीं उत्तराखंड में चुनाव हार चुके पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एक बार फिर बैठा दिया. उत्तर प्रदेश में भी जब योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया था तो वह भी एक चौंकाने वाला फैसला था. लिहाजा ऐसे में कई सियासी विश्लेषक इस मर्तबा राजस्थान में भी किसी चौंकाने वाले फैसले की उम्मीद जाता रहे हैं, मुख्यमंत्री की रेस में नेताओं की एक लंबी फेहरिस्त शामिल हो गई है.
3 दिसंबर
3 दिसंबर को दोपहर बाद राजस्थान के सियासी भविष्य की तस्वीर साफ हो गई और जनता ने भाजपा के पक्ष में मैंडेट दिया. इसके बाद चर्चाएं मुख्यमंत्री पद को लेकर तेज हो गई.
4 दिसंबर
जहां एक ओर सुबह से ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के घर चुनाव जीते हुए विधायकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ तो वहीं दिल्ली में भी हल चलें तेज हो गई. शाम होते-होते वसुंधरा राजे से तकरीबन 40-42 विधायकों ने मुलाकात की. इसके बाद सियासी हल्कों में कहा जाने लगा कि वसुंधरा राजे प्रेशर पॉलिटिक्स कर रही हैं, तो वहीं नेताओं का जमावड़ा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और चंद्रशेखर जैसे संगठन पदाधिकारी के घर भी लगने लगा.
5 दिसंबर
5 दिसंबर को दिल्ली से लेकर जयपुर तक कई बैठकों के दौर शुरू हो गए. जहां वसुंधरा राजे के घर विधायकों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा तो वहीं दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष की मौजूदगी में अहम बैठक हुई. इस दौरान राजस्थान के साथ-साथ मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम पर भी विचार विमर्श हुआ. हालांकि दोपहर बाद वसुंधरा राजे के घर विधायकों के पहुंचने का सिलसिला रुक गया तो वहीं दिल्ली में बैठकों के दौर तेज हो गए. देर रात तक प्रधानमंत्री आवास पर बैठक चली. इस बैठक में कई नामों पर चर्चा हुई.
6 दिसंबर
4 और 5 दिसंबर को चली बड़ी बैठकों के बाद कई नेताओं के नाम मुख्यमंत्री की रेस से बाहर हो गए. इसी बीच संसद भवन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और किरोड़ी लाल मीणा ने मुलाकात की. इसके बाद चुनाव जीते हुए चार सांसदों में से तीन सांसदों (दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और किरोड़ी लाल मीणा) ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि सांसद बालक नाथ के इस्तीफा ना देने से सियासी सस्पेंस बढ़ गया. वहीं कुछ देर बाद भाजपा के दिग्गज नेता ओम माथुर से किरोड़ी लाल मीणा और निर्दलीय चुनाव जीते चंद्रभान आक्या के मुलाकात की तस्वीर सामने आई.
वहीं एक बार फिर देर शाम प्रधानमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसले के लिए बैठक हुई. इस बैठक के बाद वसुंधरा राजे को जयपुर से दिल्ली बुलाया गया. देर रात वसुंधरा राजे जयपुर से दिल्ली पहुंची.
7 दिसंबर
7 दिसंबर को सुरज की पहली किरण के साथ ही नए मुख्यमंत्री का काउंटडाउन शुरू हो गया. सांसद से विधायक बने नेताओं को अहम और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, तो वहीं एक मुख्यमंत्री के साथ दो उपमुख्यमंत्री का फार्मूला भी लागू किया जा सकता है. इसे लेकर आज एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के साथ भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक होगी. जिसमें अंतिम नाम पर मुहर लगेगी और माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री की घोषणा से पहले पर्यवेक्षकों की घोषणा हो सकती है. इसके बाद रविवार को राजधानी जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री की औपचारिक घोषणा की जाएगी.