Banswara news: बांसवाड़ा में अगर इन दिनों आंखे ज्यादा लाल हो रही हैं,शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आई फ्लू रोग तेजी से फैल रहा है. इसकी बानगी शहर में स्थित सबसे बड़े महात्मा गांधी अस्पताल में देखने को मिल रही है. यहां नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 हर दूसरा रोगी आई फ्लू का है,अस्पताल प्रबंधन की माने तो जिला अस्पताल में सामान्य दिनों में जहां आई ओपीडी में 6-10 लोग औसत हर दिन पहुंच रहे थे, वो ओपीडी अब 100 से अधिक मरीज प्रतिदिन पहुंच चुकी है. इस संक्रमण से बच्चों का अधिक प्रभावित होना बताया जा रहा है,लेकिन अस्पताल में हर उम्र वर्ग के मरीज पहुंच रहे हैं.


 इन मरीजों की आंखें सामान्य से ज्यादा लाल है, दर्द हो रहा है और पानी की जगह मवाद निकल रहा है. यह मरीज 8 से 10 दिन में ठीक हो रहे हैं.


फ्लू की वजह


यह एक संक्रमण है,जो कंजक्टिवा यानी आंख के ऊपर की झिल्ली पर सूजन का कारण बनता है.कंजंक्टिवा क्लियर लेयर होती है,जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करती है. मानसून के दौरान,कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी के कारण लोग बैक्टीरिया,वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं,जो एलर्जिक रिएक्शन्स और आई इंफेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं.


स्कूल में अलर्ट 


आई फ्लू के कारण संक्रमितों की आंखें लाल होने की शिकायत सबसे ज्यादा है, इस कारण जिले सहित शहर के निजी स्कूलों,जिसमें सेंट्रल स्कूल,लीयो स्कूल में अलर्ट घोषित कर दिया. अभिभावकों को हिदायत दी गई है कि अगर बच्चों को इस प्रकार के लक्षण हैं तो स्कूल नहीं भेजें.


आई फ्लू के लक्षण


आंखों में लालपन,सूजन,खुजली,जलन,रोशनी के प्रति संवेदनशीलता,सफेद चिपचिपा पदार्थ निकलना,सामान्य से अधिक आंसू आना इसके लक्षण है.


आई फ्लू के बचान


हाथों की स्वच्छता बनाए रखें और हाथ बार-बार धोएं,दूषित हाथों के कारण ही कंजंक्टिवाइटिस फैलता है.आंखों के मेकअप और तौलिये जैसी निजी वस्तुओं को सेपरेट रखें.आंखों के लिए इस्तेमाल होने वाले ब्यूटी प्रोडक्ट को एक्सपायर होने के बाद इस्तेमाल नहीं करें.अपने तकिए के कवर को बार-बार बदलें. साथ ही बाहर जाए तो चश्मा लगाकर रखे.


इस वायरस की रफ्तार तेज


बारिश का मौसम शुरू होते ही वातावरण में आई नमी के कारण इसके बैक्टेरिया व वायरस पनप जाते हैं, और आंखों को संक्रमित करते हैं इससे कई लोगों को आई फ्लू हो जाता है.आई फ्लू से ग्रसित मरीज स्वयं घर पर उपचार नहीं करें. डरने की जरूरत नहीं है.


एक सप्ताह में हो जाती है रिकवरी


 मरीज 8 से 10 दिन तक उपचार के बाद सही हो जाता है,लेकिन समय पर इलाज न मिलने और बीमारी ज्यादा बिगड़ने पर आंखों की रोशनी जाने का खतरा भी रहता है. आई फ्लू का वायरस म्यूटेंट होकर आया है. इसकी संक्रामकता की रफ्तार ज्यादा है.


संक्रमण होने पर आंखों को हल्के गर्म पानी से दिन में एक या दो बार ही धोएं.उपचार में भी एक से दो सप्ताह तक का समय लग जाता है, जिन लोगों की इम्युनिटी अच्छी होती है उनमें अपने आप ठीक भी हो जाता है.


यह बीमारी लगातर हर वर्ग के लोगों में फैलती जा रही


नेत्र रोग चिकित्सक उमा भगवती गौतम ने बताया की चिकित्सालय में आई फ्लू के मरीज लगातार बड़ते जा रहे हैं, यह बीमारी लगातर हर वर्ग के लोगों में फैलती जा रही है. इसका इलाज चिकित्सालय में किया जा रहा है। साथ ही इसके बचाव ही इसका मुख्य उपचार है.यह बीमारी छूने से फेल रही है.


चश्मा जरूर पहनें


एमजी हॉस्पिटल के पीएमओ डॉ. खुशपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि आई फ्लू बीमारी इन दिनों बहुत अधिक फेल रही है. इस बीमारी में आंख लाल होना और दर्द होता है, जिस किसी को यह फ्लू हुआ है वो तत्काल चिकित्सक को बताए. वहीं, घर से बाहर निकलना है तो चश्मा पहने,और दवा को समय पर ले.


ये भी पढ़ें- Jalore News: भीनमाल में खनन माफियाओं का बढ़ा आतंक, परेशान लोगों ने दिया ज्ञापन