Bagidaura, Banswara News: बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी के मैनापादर गांव में 55 साल पहले गलिया खांट नातरा कर उनकी पत्नी कली देवी को लाए थे. इसके बाद उनके तीन बच्चे हुए. फिर वह बच्चों को परवरिश, पढ़ाई और सामाजिक कामकाज में लग गए. 


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गलिया को मलाल था कि आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने के कारण वह कभी रीति रिवाज से शादी नहीं कर पाए. उनकी इस इच्छा को उनके परिजनों और बच्चों ने पूरा किया. 70 साल के गलिया और कली खांट की 30 मई को एक बार फिर शादी कराई गई. 


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हल्दी की रस्म भी हुई अदा
गांव के समाज के सभी लोग बाराती बने. आदिवासी परंपरा के अनुसार गलिया और कली की हल्दी रस्म की गई. इस अनूठी शादी से ग्रामीण इतने खुश थे कि पूरे गांव में उत्सव सा माहौल था. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है क्योंकि गांव में यह पहली शादी थी, जब दूल्हा 70 और दुल्हन 65 की उम्र की है. बाकायदा दुल्हन की विदाई भी की गई क्योंकि सभी का मानना था कि परंपरा के अनुसार शादी होना जरूरी है. 


जमकर हुआ डांस
शादी के समारोह में पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाकर दूल्हे को लेकर कंधे पर बैठाकर नृत्य किया गया. दुल्हन को दूसरे घर पर रखा. गाजे-बाजे के साथ बारात लाई गई. इसके बाद शादी करवाई गई. दुल्हन कली देवी के पीहर पक्ष के लोग भी ओबली गांव से आए और कपड़ा व्यवहार, नोतरा किया गया. इसके बाद पूरे गांव को भोज कराया गया. 


पोतों की भी हो गई शादी
गौरतलब है कि गलिया के दो बेटे और एक बेटी है. सभी की शादी हो गई है और उनके सभी के बच्चे भी हो चुके हैं. यहां तक कि उनके पोतों की भी शादी हो चुकी है.