Banswara News: जरूरत से ज्यादा बारिश ने सोयाबीन की फसल की बर्बादी से किसानों को रुला दिया है. बांसवाड़ा जिले में सोयाबीन की उपज 90 फीसदी तक खराब हो गई है. एक बीघा खेत में 300 से 400 किलो तक होने वाली पैदावार 40 किलो तक सिमट गई है. 


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अब बची केवल 10 प्रतिशत उपज की लिवाली की बजाय किसान खेतों में ट्रैक्टर और हल चलाकर पाटा फेर रहे हैं, चूंकि लागत के अनुपात में मुनाफा तो दूर घाटा हो गया है. बांसवाड़ा जिले के सागड़ोद, छींच, बड़ोदिया और आसपास के क्षेत्रों में किसानों की दशा खराब हो गई है. 



किसान हीरालाल और रणछोड़ भाई बताते हैं कि 300 से 400 किलो उपज के बजाय इस बार महज 40- 70 किलो सोयाबीन एक बीघा में निकल रहा है. जिले के किसान अमरेंग बताते हैं कि उनके कुल 57 बीघा खेत है. जिसमें 18 बीघा में उन्होंने फसल कटाई कराई है. इसमें सिर्फ 8 क्विटल गुणवत्ताहीन सोयाबीन मिली है. ऐसे में अब हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हूं कि शेष 39 बीघा में फसल कटाई कराई क्यों कि उसमें उतनी उपज ही नहीं होगी. किसान कालू पटेल और मानेंग पटेल बताते कि छोटी ज्योत के किसान फसल काटने की मंशा में नहीं हैं. क्यों कि जितना फसल कटवाने में खर्च आएगा उतनी तो फसल ही नहीं निकलेगी. उनके परिचित में कुछ लोग पाटा चलाने का निर्णय ले चुके हैं.



फसल में यह नुकसान
जिले में अधिक बरसात के कारण सोयाबीन के पौधों पर कम फलियों हुई,फलियों में दाने न नहीं हुए, ओर कुछ पौधों में दानों का साइज छोटा हुआ और दागी दानों की पैदावार हुई जिस कारण से किसान को नुकसान हुआ है. किसानों ने सरकार से मांग की है कि उनको उचित मुआवजा मिले जिससे किसानों को राहत मिले.



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