बांसवाड़ा: पानी की योजना में फिर रहा पानी, आज भी कई गांव में पानी की किल्लत
बांसवाड़ा न्यूज: पानी की योजना में पानी फिरता नजर आ रहा है.आज भी कई गांव में पानी की किल्लत है. करोड़ों खर्च करने पर भी लोगों को पानी नसीब नहीं हुआ है.
Banswara: बांसवाड़ा जिले में प्रदेश सरकार द्वारा 2013 में 334 गावों में पानी की किल्लत को दूर करने किए माही बांध से क्षेत्रीय वृत जल प्रदान योजना शुरू की थी,इस योजना का काम 2020 में पूरा हो चुका है ,पर इन 334 गांव में अभी भी कई गांव ऐसे है जहां पानी की किल्लत अभी भी बनी हुई है और इस योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है. इस योजना पर ठेकेदार और अधिकारियों की लापरवाही के कारण पानी की फिर रहा है.
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की बांसवाड़ा पंचायत समिति के आंबापुरा क्षेत्र,छोटी सरवन पंचायत समिति और प्रतापगढ़ जिले के पीपलखूंट पंचायत समिति क्षेत्र के 334 गावों में आजादी के बाद से पानी की किल्लत थी,इस किल्लत को देखते हुए राजस्थान सरकार ने 534 करोड़ रुपए की माही बांध से क्षेत्रीय वृत जल प्रदान योजना की स्वीकृति जारी की. इस योजना का कार्य 2013 में शुरू हुआ और इसका कार्य 2020 में पूरा हुआ. इस योजना के तहत किया गया कार्य पूरी तरह से लापरवाही की भेट चढ़ गया है. इस योजना का लाभ इन 334 गांव के ग्रामीणों को मिलना था पर योजना पूरी होने के तीसरे साल ही कई गांव में पानी की किल्लत होने लगी है.
इस योजना के तहत लगाए गए पीएसपी भी अधिकतर टूट चुके है ,और पानी की पाइप लाइन भी सही नहीं डाली है. जिस कारण जगह जगह लीकेज हो रही है. इतना ही नहीं पशुओं के पानी पीने के लिए बनाई गई टैंक भी कई जगह बंद है. इस योजना के पूरा होने के बाद कई गावों में कुछ महीनों में ही पानी की सप्लाई बंद हो चुकी है,सरकार की इस योजना का ठेकेदार और अधिकारियों की लापरवाही के चलते ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है और सरकार के करोड़ों रुपए पर पानी फिर रहा है. अब देखने वाली बात यह है की राज्य सरकार इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार पर क्या एक्शन लेती है.
यह है योजना
बांसवाड़ा जिले के छोटी सरवन और बांसवाड़ा पंचायत समिति और प्रतापगढ़ के पीपलखूंट पंचायत समिति के 334 गांव में पानी पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने 2013 में 534 करोड़ की माही बांध से क्षेत्रीय वृत जल प्रदान योजना की शुरुआत की थी. जिसका काम 2020 में पूरा हो चुका है. इसमें बांसवाड़ा पंचायत समिति के 140 गांव हैं जिसमें 22 पानी की टंकी,600 पीएसपी और 236 पशुओं के पानी पीने के लिए टैंक बनाए है. छोटी सरवन पंचायत समिति के 92 गांव में 18 पानी की टंकी,600 पीएसपी और 68 पशुओं के पानी पीने के लिए टैंक बनाए है. वहीं प्रतापगढ़ जिले के पीपलखूंट पंचायत समिति के 102 गांव में 18 पानी की टंकी,579 पीएसपी और 168 पशुओं के पानी पीने के लिए टैंक बनाए है. इस कार्य को एलएनटी कंपनी द्वारा किया गया है और इसका रखरखवा इस कंपनी को 10 साल तक करना है.
कई पीएसपी बंद
बांसवाड़ा जिले के आंबापुरा और छोटी सरवन पंचायत समिति और प्रतापगढ़ के पीपलखूंट पंचायत समिति के 334 गांव में ग्रामीणों के पीने के पानी के लिए 1779 पीएसपी स्टैंड बनाये गए है. पर कई गांव जैसे धनाक्षरी, कुंडला,मुलिया, वाग तालाब,छोटी सरवन,फेफर,खजूरी,आंबापुरा,सिंगपुरा, कड़ेलिया,वीरपुर,डूंगरिया सहित कई दर्जन गांव में पीएसपी बनाए गई जिसमें इस योजना के शुरू होते ही कुछ महीनों में अधिकतर पीएसपी में पानी आया और उसके बाद इन पीएसपी में पानी बंद हो गया,इतना ही नहीं कई पीएसपी में अधिकतर जगह तो नल तक टूट चुके है और इसकी पाइप लाइन तक टूटी हुई है. कई बार ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की कर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
पशुओं के लिए बनाए टैंक भी खाली
बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिले के 334 गांव में इस योजना के तहत 472 टैंक पशुओं को पानी पिलाने किए बनाए गए थे,पर अधिकतर गांवों में यह टैंक में पानी नहीं आया है और यह टैंक खाली है. इस टैंक में पानी की पाइप लाइन भी टूटी हुई है.जिस कारण से इन टैंक में पानी नहीं आ रहा है.
पाइप लाइन में किया ठेकेदार ने खेल
बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिले के 334 गांव में पानी की सप्लाई के लिए ठेकेदार ने पानी की पाइप लाइन बिछाई ,नियम के तहत पाइप लाइन को एक मीटर तक जमीन की खुदाई करके डालनी थी पर छोटी सरवन क्षेत्र के कई गांव ऐसे है जहां पाइप लाइन को एक मीटर तक खुदाई कर नहीं डाला गया है और वो जमीन के ऊपर दी डाल कर मिट्टी डाल दी गई है. जिस कारण से कई जगह यह पाइप लाइन टूट चुकी है. जिस कारण से पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है.
इस योजना के जिम्मेदार यह
बांसवाड़ा जिले और प्रतापगढ़ के 334 गांव में पानी की सप्लाई के लिए माही बांध से क्षेत्रीय वृत जल प्रदान योजना का टेंडर एलएनटी कंपनी ने लिया था और इसका रखरखाव 10 साल तक इसके पास ही है. और इस योजना के कार्य को समय समय पर मॉनिटरिंग जन. स्वा. अभि.विभाग परियोजना के अधिकारियों को करनी थी,पर अधिकारियों ने भी इस योजना की मॉनिटरिंग समय पर नहीं की. जिस कारण से इस योजना का कार्य घटिया हुआ और सरकार की इस बेहतर योजना का लाभ कई गांव के लोगों को नहीं मिल रहा है.
जन. स्वा. अभि.विभाग परियोजना के अधिकारी प्रकाश शाह ने बताया की यह योजना 2013 में शुरू हुई और इसका काम 2020 में पूरा हुआ. इस योजना का रखरखाव ठेकेदार को 10 साल तक करना है. पीएसपी में नल टूटने और पाइप लाइन लीकेज पर अधिकारी ने कहा कि घोड़ी तेजपुर मार्ग के समीप सड़क का कार्य चल रहा है. जिस कारण से पाइप लाइन लीकेज हुई है उसे ठीक करवा रहे है,वहीं कही जगह पीएसपी स्टैंड से नल गायब हुए है,चोरी हुए है और तोड़े गए है,जिस कारण से पानी नहीं पहुंच पा रहा है.
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