Banswara news: नहर निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल, ग्रामीणों ने किया हंगामा
Banswara news: बांसवाड़ा जिले के माकोद गांव में माही विभाग की ओर से माइनर नहर के निर्माण में ग्रामीणों और किसानों ने विरोध किया और हंगामा किया. ग्रामीणों ने इस निर्माण कार्य में घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
Banswara news: बांसवाड़ा जिले के माकोद गांव में माही विभाग की ओर से माइनर नहर के निर्माण का कार्य चल रहा है, इस निर्माण कार्य का ग्रामीणों और किसानों ने विरोध किया और हंगामा किया, ग्रामीणों ने इस निर्माण कार्य में घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, माकोद गांव के समीप बड़ी नहर से माइनर नहर जो सुरा पाड़ा से माकोद तक 7 किलोमीटर का निर्माण हो रहा है. अभी ठेकेदार द्वारा महज 1.5 किलोमीटर ही नहर का कार्य हुआ है.
जिस पर स्थानीय किसानों और ग्रामीणों ने घटिया निर्माण का आरोप लगा दिया है और जमकर हंगामा किया है. ग्रामीणों ने कहा की ठेकेदार नहर निर्माण में लापरवाही बरत रहा है और निर्माण में जितनी सीमेंट और रेती चाहिए वो नही इस्तमाल कर रहा है. वही इस नहर की जो पहले चौड़ाई थी उसे भी कम कर दिया है और ना ही इसकी ऊंचाई बड़ा रहे है,जिस कारण से टेल तक पानी भी नहीं पहुंच पाएगा, ठेकेदार नीचे पत्थर डालकर और ऊपरी हिस्से में प्लास्तर कर रहा है. इस ओर माही विभाग कोई ध्यान भी नही दे रहा है.
यह भी पढ़ें- सचिन पायलट और अशोक गहलोत में हो गई सुलह, अब डोटासरा, खाचरियावास और धारीवाल का क्या होगा ?
जिले में बड़े स्तर पर नहर की मरम्मत का कार्य चल रहा है और अधिकतर जगह से घटिया निर्माण की शिकायत सामने आ चुकी है फिर भी विभाग आंखे बन्द कर के बैठा हुआ है. स्थानीय निवासी मानसिंह ने बताया की इन नहर की सीमा 7 किलोमीटर की है,अभी 1.5 किलोमीटर की नहर बनी है उसमे ही भ्रष्टाचार और महज गिट्टी डालकर नहर बनाई जा रही है. इस नहर की चौड़ाई और ऊंचाई दोनो कम कर दी गई है ,जिस कारण से टेल तक पानी नहीं पहुंच पाएगा.
हम यहां आए तो ठेकेदार का मुनीम लेबर लेकर चला गया,सीमेंट तो बहुत कम इस्तमाल किया जा रहा है बस पत्थर और मिट्टी डाल रहे है. स्थानीय समाजसेवी लक्ष्मण निनामा ने बताया की सुरापाड़ा से माकोद में नहर का कार्य चल रहा है,पहले जो नहर बनी थी उसके मुकाबले हमे उससे बड़ी नहर का निर्माण करवाना था,पर माही विभाग उस नहर से भी कम चौड़ाई और ऊंचाई की नहर बनवा रहा है,पहले भी नहर का पानी टेल तक नहीं पहुंचता था और आज भी इस नहर के निर्माण के बाद भी नहीं पहुंचेगा.
यह भी पढ़ें- REET 3rd Grade Teacher Transfer: रीट थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले हुए तय, ट्रांसफर की थीम इन पांच नियमों पर आधारित