जेल में बांटा जा रहा था खाना, बंदी ने चुपके से बाथरूम में फांसी लगा ली और फिर...
Banswara : राजस्थाने के बांसवाड़ा जिला जेल में एक बंदी ने आत्महत्या का प्रयास किया। गनीमत रही कि जेल प्रहरी ने बंदी को लटकते हुए देखा और तत्काल उसे फंदे से नीचे उतारा और उसे डिस्पेंसरी में भर्ती कराया जिससे उसकी जान बच गई।
Banswara : राजस्थान के बांसवाड़ा जिला जेल में रविवार शाम एक बंदी ने फंदा लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया. पर, जेल प्रहरी की सतर्कता से बंदी को फंदे से निकाल जेल डिस्पेंसरी में ही इलाज शुरू किया गया, जिससे उसकी जान बच गई. इसके बाद बंदी को एहतियातन एमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां बंदी की हालत सामान्य बताई गई है.
जेलर हेमंत साल्वी ने बताया कि बंदी मुकेश पुत्र शंकर सेवना गांव का रहने वाला है, जो एक जुलाई को ही पोस्को के तहत जेल में आया था. मुकेश पर नाबालिग का अपहरण और ज्यादती का आरोप है. जेलर को मुकेश ने बताया कि उसकी पत्नी अनपढ़ है और मां विधवा है. भाई भी छोटा होने से परिवार की पूरी जिम्मेदारी उस पर ही है. अपराध में उसे जेल हो गई है. इससे मुकेश को डर था कि वो अब बाहर नहीं निकल सकेगा और उसे फांसी हो जाएगी. इसी तनाव में उसने आत्महत्या का इरादा बनाया.
भोजन वितरण के समय चुपचाप बाथरूम के पीछे पहुंचा
शाम को भोजन वितरण कर रहे थे तब मुकेश चुपके से वहां से निकल गया और बाथरूम की पीछे की तरफ जा पहुंचा. वहां नल का पाइप ऊपर टंकी में जाता है, जिस पर टावेल का एक हिस्सा फाड़कर बांधा और फंदा गले में डालकर मुकेश लटक गया.
इस दौरान एक प्रहरी की नजर उस पर पड़ी और भागकर उसे ऊंचा उठा लिया, जिससे फंदे का खिंचाव न हो सके. इसके बाद दूसरे साथी की मदद से फंदे से मुकेश को नीचे उतारा. जेल डिस्पेंसरी के स्टाफ ने तुरंत ही उपचार प्रारंभ कर दिया, जिससे बंदी मुकेश की जान बच गई.
दिनभर सबके साथ खुश था, तनाव जैसी बात नहीं थी
अन्य बंदियों से मिली जानकारी अनुसार वह दिनभर खुश था. तनाव जैसा उसके चेहरे पर कुछ नहीं था. घटना के बाद जेलर ने मुकेश को समझाया और तनाव दूर करने की कोशिश की. मुकेश के चेहरे पर मुस्कान भी आई और फिर जेल में ही मंदिर में दर्शन भी किए. रात को फिर से गलत कदम ना उठाए इसलिए एमजी अस्पताल भर्ती कराया गया.
रिपोर्टर- अजय ओझा
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