Baran News: ठेकेदारों ने बंद करवा दिया परवन सिंचाई नहर परियोजना का काम, बोले-पहले भुगतान हो
राजस्थान में बारां के परवन सिंचाई नहर परियोजना में कार्य करने वाले ठेकेदारों ने जीवीपीआर कंपनी की ओर से भुगतान नहीं करने पर एक राय होकर दिलोद हाथी गांव के समीप बने आरएमसी प्लांट को बंद करवाकर नहर के कार्य को बाधित कर दिया है.
Baran News: बारां के परवन सिंचाई नहर परियोजना में कार्य करने वाले ठेकेदारों ने जीवीपीआर कंपनी की ओर से भुगतान नहीं करने पर एक राय होकर दिलोद हाथी गांव के समीप बने आरएमसी प्लांट को बंद करवाकर नहर के कार्य को बाधित कर दिया है.
ठेकेदार हरीश मीणा, ललित चंदेला, सुभाष, बृजबल्लभ शर्मा, कासिम अली, मयूर पटेल सहित करीब एक दर्जन ठेकेदारों ने बताया कि जीवीपीआर कंपनी वर्ष 2018 से परवन नहर परियोजना का कार्य करवा रही है. कंपनी के अधिकारियों के निर्देशानुसार कार्य किया जा रहा है.
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मोखमपुरा से मांगरोल तक 90 किमी में कंपनी की और से नहर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है. वर्तमान में नहर के लिए खुदाई करने के बाद नीचे सीमेंट कंक्रीट बिछाने का कार्य किया जा रहा है. ठेकेदारों का कहना है कि कंपनी ने करोड़ों रुपये का कार्य करवा लिया, लेकिन भुगतान के नाम पर नाम मात्र के पैसे मिल रहे हैं. बार-बार रुपये की मांग करने पर कंपनी के अधिकारी गुमराह कर रहे हैं जबकि कंपनी को विभाग की ओर से समय-समय पर भुगतान किया जा रहा है.
ग्रामीणों ने लगाया धीमी गति से कार्य करने का आरोप
दिलोद हाथी सरपंच प्रतिनिधि नवल नागर सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव के समीप से निकल रही परवन नहर का कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रहा है. कंपनी वर्ष 2018 से नहर का कार्य करवा रही है. ठेकेदारों ने जेसीबी मशीनों से जगह-जगह खुदाई कर मिट्टी के ढेर लगा दिए हैं.
वर्तमान में खेती-बाड़ी का कार्य चल रहा है. कंपनी की ओर से कुछ ही जगहों पर सीमेंट कंक्रीट बिछाने का कार्य किया गया है. निर्माण कार्य के चलते किसानों को खेतों पर जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नहर का निर्माण कार्य जल पूरा नहीं किया गया तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे.
किसानों की अवाप्त भूमि के नहीं मिले चेक
दिलोद हाथी गांव निवासी हंसराज, छीतरलाल, लालचंद प्रकाश बाई, रामहेत, भागचंद, गजानंद, बद्रीलाल सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि परवन नहर सिंचाई परियोजना के लिए अवाप्त की गई किसानों की जमीनों के अभी तक चेक नहीं मिले हैं, कंपनी ने जगह-जगह खुदाई कर खेतों की सूरत बिगाड़ दी है. कंपनी ने उपजाऊ जमीन को अवाप्त कर लिया, लेकिन चार वर्ष बीत जाने के बाद भी अवाप्त की गई भूमि के चेक नहीं मिले हैं.
एक दर्जन ठेकेदारों का भुगतान बकाया चल रहा
शुभम इंफ्रा कंपनी के डेढ़ करोड़ रुपये, पूर्णिमा कंस्ट्रक्शन के 55 लाख, श्रीराम ट्रेडर्स के 50 लाख, निधी पटेल कंस्ट्रक्शन के 75 लाख, एयू कंस्ट्रक्शन के 60 लाख रुपये बकाया चल रहे हैं. ऐसे ही करीब एक दर्जन ठेकेदारों का भुगतान बकाया चल रहा है.