Baran News: बारां में नगरपरिषद ने जनता की गाढ़ी कमाई के रुपयों को पानी में बहा दिया है. नगरपरिषद ने वर्ष 2018 में शहर से गीला व सूखा अलग-अलग कचरा संग्रहण करने के लिए 20 ई रिक्शा करीब 35 लाख रुपए में खरीदे थे. शहर की तंग गलियों तक पहुंचाने के लिए खरीदे गए ई रिक्शा जो कि धीरे-धीरे खराब होते चले गएं. जिसमें से करीब 15 ई-रिक्शा कबाड़ा बन चुके हैं.


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बैट्री चलने वाले ई रिक्शा सुधारने के लिए शहर में कोई मिस्त्री भी नहीं है. केवल एक प्राइवेट मिस्त्री है, जिसके पास भी रिक्शे के पार्टस नहीं मिलते हैं. कोटा शहर में कुछ मिस्त्री हैं. लेकिन खराब होने की स्थिति में लाने ले जाने पर ही काफी खर्च आने के कारण यह स्थिति बनी.


ई रिक्शा खराब होने के बाद एक ई रिक्शा के पार्टस दूसरे में लगाते हुए पहले खराब हुए रिक्शे कबाड़ होते गए. हालात यह की कई ई रिक्शा के तो सिर्फ चेसिस ही नजर आते हैं. कोटा रोड स्थित अग्निशमन कार्यालय परिसर में रिक्शो के कबाड़ ही नजर आते हैं.


नगरपरिषद में वर्तमान में चार पांच ही ई रिक्शा चालू हालत में बताए गए हैं. जिनमें से भी कई रिक्शे टेक भी नहीं चढ़ पाते हैं. ऐसे में यह भी खड़े ही नजर आते हैं. इन ई रिक्शा को सुधराने में भी खर्च काफी अधिक आता हैं. ऐसे में परिषद ने भी इनकी ओर से ध्यान हटा लिया है. करीब एक वर्ष से भी अधिक समय से रिक्शे कबाड़ हो चुके हैं.


बारां नगरपरिषद के पास वर्तमान में शहर के कचरे को उठाने तथा घर-घर से कचरा संग्रहण के लिए करीब 27 टीपर हैं. साथ ही 2 डम्पर, 4 टै्रक्टर तथा दो कॉम्पेक्ट मशीने हैं. परिषद के साठ वार्डों का नियमित कचरा संग्रहण में भी अब टीपरों की कमी है.


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