Baran latest News: राजस्थान में बारां जिले के सबसे बड़े वन अधिकारी के ही परिसर में एक फोरेस्टर ने बिना किसी की स्वीकृति के करीब आधा दर्जन हरे पेड़ों को काटकर नष्ट कर दिया. उप वन संरक्षक कार्यालय पहुंची तो पेड़ों के कटे हुए ठूंठ तथा हरी पत्तीयों की टहनियां ही नजर आ रही. कोटा रोड पर डीएफओ कार्यालय परिसर में करीब आधा दर्जन हरे पेड़ कटवा दिए. वहीं यह जानकारी भी उलब्ध नहीं हो पाई कि इनकी लकड़ी कहां गई.


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डीएफओ अनिल यादव ने बताया कि उनके परिसर में पेड़ काटने की जानकारी नहीं है. डीएफओ कार्यालय भवन से करीब 20 मीटर की दूरी पर तथा बारां रेंज कार्यालय भवन से महज 10 मीटर की दूरी पर परिसर में आला अधिकारियों की नाक के नीचे हरे पेड़ काट दिए गए. लेकिन दोनों ही अधिकारियों को भनक तक नहीं होना ये आश्चर्यजनक है. 


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उप वन संरक्षक कार्यालय के परिसर में काटे गए हरे पेड़ों के मामले में जब फोरेस्टर दीपक गौतम ने बताया कि पेड़ों में दीमक लग गई थी इसलिए काट दिए गए. उसके बाद उनसे पूछा गया कि किसके आदेश पर काटे तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. जबकि उप वन संरक्षक कार्यालय परिसर में करीब एक दर्जन सूखे पेड़ कई वर्षों से खड़े हुए हैं. जबकि कोई हरा पेड़ बाधा बन रहा है, तो उनके लिए वन विभाग के डीएफओ की लिखित स्वीकृति लेना जरूरी होता है. बिना स्वीकृति के हरे पेड़ को काटना गलत है.