Baran News: राजस्थान में निजी पावर प्लांट के लिए 1 लाख पेड़ों की चढ़ेगी बलि, केंद्रीय वन मंत्रालय ने खुद दी अनुमति
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Baran News: राजस्थान के बारां जिले में एक लाख से अधिक पेड़ों की कटाई की तैयारी है, जिसके लिए केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने अनुमति दी है. ये कटाई एक निजी पावर प्लांट के लिए की जाएगी. इससे पहले राज्य सरकार ने इस क्षेत्र को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया था.
Baran News: बारां जिले के शाहाबाद क्षेत्र में स्थित सघन वन क्षेत्र में एक लाख से अधिक पेड़ों की कटाई की तैयारी हो रही है, जिसके लिए केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने अनुमति दे दी है. यह कटाई एक निजी पावर प्लांट के लिए की जाएगी. अगले छह महीनों के भीतर इन पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलने की संभावना है, जिससे इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है.
इससे संरक्षित वन क्षेत्र की जैव विविधता नष्ट हो जाएगी. वन्यजीवों पर संकट खड़ा होगा. साथ ही सुरम्य और सघन वन आच्छादित घाटी का वैभव भी इतिहास बनने की आशंका है. जबकि, राज्य सरकार ने दो साल पहले ही शाहाबाद के 17 हजार 884 हेक्टेयर क्षेत्र को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया था.
निजी क्षेत्र की कंपनी ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से शाहाबाद के हनुमंतखेड़ा, मुंगावली में 1800 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए पम्प स्टोरेज परियोजना के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है. परियोजना में क्षेत्र की करीब 700 हे€क्टेयर भूमि का उपयोग किया जा रहा है. इसमें से 400 हेक्टेयर वन भूमि है. केन्द्र सरकार की वन सलाहकार समिति (एफएसी) ने सैद्धांतिक तौर पर 400 हेक्टेयर वन भूमि पर मार्च 2025 तक पेड़ों को काटे जाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी. इस प्रस्ताव का केन्द्रीय वन और पर्यावरण मंत्री ने भी अनुमोदन कर दिया है.
यहां की अनुकूल भौगोलिक स्थिति को देखते हुए बिजली बनाने के लिए चयन किया गया है. यह पहाड़ी क्षेत्र है और पास ही कूनू नदी भी है. ऐसे में निचले और ऊंचाई वाले क्षेत्र में दो तालाब बनाए जाएंगे. पानी को पहले ऊपर वाले तालाब में भरा जाएगा. जब भी बिजली उत्पादन करना होगा, तब वहां से पानी को नीचे लाएंगे और टरबाइन के जरिए बिजली बनेगी.
निजी कंपनी पंप स्टोरेज प्लांट लगाएगी. इसके लिए करीब 700 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. इसमें से करीब 400 हेक्टेयर वनभूमि है. प्रोजेक्ट के लिए एक लाख से अधिक पेड़ काटना प्रस्तावित है. फिलहाल सरकार के स्तर पर इसकी प्रक्रिया चल रही है.
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