Bhanwargarh, Baran News: बारां के भंवरगढ़ कस्बे सहित आस-पास ग्रामीण क्षेत्र के दर्जनों गांवों के खेतों की प्यास बुझाने वाले सिंचाई के प्रमुख स्रोत बिलासी बांध में एक पखवाड़े पूर्व जलप्रवाह शुरू होने के बाद से जहां किसान रवि की प्रमुख फसलों की सूखे में बुवाई कर पिलाई करने में युद्ध स्तर पर जुटे हुए हैं. टेल क्षेत्र के कई खेतों को एक पखवाड़े बाद भी क्षतिग्रस्त माइनरों के चलते पानी पहुंचने का इंतजार है. 


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गत 10 नवंबर को बिलासी बांध की मुख्य केनाल में जल प्रवाह शुरू कर नहर के कमांड में आ रहे 8 माइनरों में जल प्रभाव है. टेल क्षेत्र में पानी पहुंच चुका है, लेकिन क्षेत्र के 3 किमी की दूरी पर स्थित डिकोनिया के माल के टेल क्षेत्र के कई खेतों में अभी तक पानी नहीं पहुंचा है. कमोबेश यही स्थिति कुंदा क्षेत्र की है. 


किसानों ने बताया कि गत 4 वर्ष पूर्व बिलासी बांध की मुख्य केनाल और अन्य कार्य के लिए सरकार द्वारा 1778 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी. इसमें मुख्य केनाल के ढांचागत विकास पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों की देखरेख में संवेदक फार्म द्वारा लगभग 1500 लाख का कार्य भी करवाया जा चुका है, लेकिन अधिकांश माइनर जोकि 1992 से जल प्रवाह कर खेतों की प्यास बुझा रहे हैं, यह पूरी तरह अभी भी बदहाल अवस्था में हैं. इनको अब मरम्मत की दरकार है. 


गत दिनों बारां जिला मुख्यालय के समीप बड़ा की बावड़ी पर आए प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कस्बे सहित क्षेत्र के कुंदा, पिंजना, विलासगढ़, रामपुरिया, बांसथुनी, कापड़ीखेड़ा, फल्दी, काकड़दा सहित क्षेत्र के अन्य गांवों के किसानों द्वारा ज्ञापन देकर क्षतिग्रस्त माइनरों की मरम्मत करवाने की मांग भी उठाई थी.


किसानों का कहना है कि समय रहते माइनरों की मरम्मत नहीं होने के कारण बड़ी मात्रा में व्यर्थ पानी बह जाता है, जिसका खामियाजा बाद में किसानों को उठाना पड़ता है. इसका जीता जागता उदाहरण राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गोराजी कि सारण के पास का एनिकट है. इस पर इस सर्दी के मौसम में भी पानी की चादर चल रही है. क्षेत्र के किसानों ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए सभी माइनरों की मरम्मत करवाने की मांग सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारियों से की है. 


सुनील कुमार मेहता, कनिष्ठ अभियंता, सिंचाई विभाग, भंवरगढ़ ने बताया की गत 4 वर्ष पूर्व जायका योजना के तहत बिलासी बांध की मुख्य केनाल एवं अन्य कार्यों के लिए 1, 778 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी. इसमें से मुख्य केनाल की मरम्मत और अन्य कार्य पर अब तक 1,486 लाख का काम किया जा चुका है. माइनरों की मरम्मत के लिए उच्च अधिकारियों को बताया हुआ है. वहां से स्वीकृति जारी होते ही इस गर्मी के सीजन में इनकी भी मरम्मत करवाई जाएगी. 


Reporter- Ram Mehta