Barmer, pachpadra: बालोतरा नगर परिषद में इन दिनों आयुक्त पद को लेकर नाटकीय घटनाक्रम नजर आ रहा है. राज्य सरकार ने एक सप्ताह पूर्व जिस आयुक्त का तबादला किया, उसे अब निरस्त कर दूसरे आयुक्त की नियुक्ति के आदेश जारी किए. इसी बीच रिश्वत मामले में पकड़े गए आयुक्त ने न्यायालय से निलंबन पर स्थगन आदेश लेकर सोमवार को पदभार ग्रहण किया.


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दरअसल 24 नवम्बर को तत्कालीन आयुक्त जोधाराम एक लाख की रिश्वत लेते एसीबी ने गिरफ्तार किया था. जोधाराम को जमानत मिलने के बाद 9 जनवरी को स्वायत शासन विभाग ने निलंबन के आदेश जारी कर मुख्यालय भरतपुर करने के आदेश दिए थे. इस पर जोधाराम निलंबन को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय पहुंचे जहां न्यायालय ने 13 जनवरी को निलंबन पर स्थगन आदेश जारी किए. इस बीच बालोतरा नगर परिषद का आयुक्त पद को लेकर एडीएम विवेक व्यास को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया. इस बीच राज्य सरकार ने 10 जनवरी को एक आदेश जारी कर मघराज डूडी को आयुक्त के पद के लिए तबादला किया गया, लेकिन डूडी ने 16 जनवरी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया.


इस बीच जोधाराम विश्नोई हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के साथ सोमवार को पदभार ग्रहण किया. अब स्वायत शासन विभाग के एक नए आदेश के तहत मघराज डूडी का तबादला चिड़ावा करते हुए आबू पर्वत आयुक्त शिवपाल सिंह राजपुरोहित का तबादला बालोतरा कर दिया. शिवपाल सिंह इससे पूर्व बालोतरा आयुक्त पद पर रह चुके हैं और प्रशासन शहरों के संग अभियान की बागडोर थामे हुए थे.


अब एक और नए आदेश को लेकर शहर में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया कि आखिर बालोतरा नगरपरिषद आयुक्त कौन है जोधाराम या शिवपाल सिंह. या अब फिर एक बार कोई नया आदेश जारी होगा. इस बीच पिछले तीन माह से नगरपरिषद में कामकाज प्रभावित हो रहा है आमजन पट्टो सहित अन्य कार्यो के लिए चक्कर काटने को मजबूर है और आयुक्त पद को लेकर रस्सा-कसी जारी है.