Balotra News: बाड़मेर के बालोतरा में रालोपा प्रदेश महामंत्री उम्मेदाराम बेनीवाल ने कहा कि बजरी माफियाओं के खिलाफ आज लगातार 61 दिनों से धरना चल रहा है और तीन दिनों से आमरण-अनशन चल रहा है, लेकिन शासन प्रशासन इतना संवेदनहीन हो गया है कि आमरण-अनशन पर बैठे धरनार्थियों थानसिंह डोली और शंकर मायला से प्रशासन ने कोई वार्ता नहीं की, और ना ही किसी तरह की मेडिकल जांच की जा रही है. प्रशासन की हठधर्मिता और ठेकेदार की मनमानी कीमतों के खिलाफ हमारा संघर्ष अनवरत जारी रहेगा.


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रालोपा युवा मोर्चा प्रदेश महामंत्री ओमप्रकाश काकड़ ने कहा कि अपने आप को पारदर्शी और जवाबदेही सरकार कहने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लगातार 61 दिनों से ज्ञापन सौंपकर बजरी ठेकेदार पर लगाम लगाने की‌ मांग कर रहे हैं लेकिन लेकिन कोई ठोस कदम नही उठाया जा रहा है.


पचपदरा ब्लॉक अध्यक्ष थानसिंह डोली ने कहा कि हम तीन दिनों से उपखण्ड कार्यालय के आगे भूख हड़ताल पर बैठे हैं लेकिन अभी तक प्रशासन ने किसी तरह की सकारात्मकता नहीं दिखाई है बजरी ठेकेदार के आगे स्थानीय नेता और प्रशासन घुटने टेक चुके हैं बाड़मेर जिले के एक कैबिनेट मंत्री 7 विधायक और एक सांसद राज्य मंत्री केन्द्र सरकार का बयान तक नहीं आना सीधे सीधे बजरी ठेकेदार से सांठगांठ दर्शा रहा है ,


आमजनता में जबरदस्त आक्रोश है और बहुत जल्द जनता का आक्रोश सड़कों पर फुटने वाला है प्रशासन इस आन्दोलन को हल्के में लेकर भारी गलती कर रहा है जिसका खामियाजा प्रशासन के साथ साथ सरकार को भी भूगतना पड़ेगा.


युवा नेता और आमरण-अनशन पर बैठे शंकरलाल मायला ने बताया पिछले तीन दिनों से में आमरण अनशन पर बैठा हूं बजरी प्रकृति का पदार्थ है इस पर सर्वप्रथम हमारा हक है. जिसको ये सरकार लुटेरे ठेकेदार के माध्यम से हमारे क्षेत्र को लूट रही हैं तिलवाड़ा मेले का मैदान सदियों से प्रसिद्ध है, वहां पर भी मेले के मैदान को खोद खोद कर समतल भूमि को खराब कर रहे हैं.


इस हिसाब से ये प्रसिद्ध मेला आने वाले नए वर्ष में कहा लगेगा , जब मेला लगता है तब कलेक्टर सहित प्रशासन ओर प्रदेश के मंत्री शिरकत करते हैं अब वो कहा चुप गए में मीडिया के माध्यम से इनका ध्यान तिलवाड़ा मेले के मैदान पर आकर्षित करना चाहता हूं लेकिन जब तक शरीर में प्राण है तब तक हम लड़ेंगे.


इस दौरान छात्रनेता भींयाराम गोदारा लापला , अनिल लेघा सवाऊ , जोगाराम सऊ , जोधाराम कटारिया ,कादर खां नवोड़ा बेरा , गफुर खां पाटोदी, पांचाराम विश्नोई, डूंगरसिंह बाकियावास, अणदाराम धतरवाल , भंवरलाल सारण सांभरा ,प्रताप आंजणा , शैतान सिंह डाबली , मनोहर बेनीवाल , छगन बेनीवाल सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित रहे.


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