Chanakya Niti: चाणक्य नीति की कई महत्वपुर्ण बातें व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करती हैं. आचार्य चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में होती है. आचार्य चाणक्य को अर्थशास्त्र के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों के जानकार थे. चाणक्य को अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति शास्त्र के साथ ही साथ समाजशास्त्र की भी जानकारी थी. चाणक्य नीति में लिखीं बाते आज भी प्रासंगिक हैं. चाणक्य की 5 बातों में मनुष्य की सफलता राज है. तो आइये जानते है इन बातों को जिसे मनुष्य अपने जीवन में अनुसरण कर अपने जीवन को सफल बना सकता है.


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क्रोध - चाणक्य नीति के अनुसार जो व्यक्ति क्रोध करता है उस व्यक्ति की प्रतिभा नष्ट हो जाती है. इसलिए  व्यक्ति को क्रोध से बचना चाहिए. अगर हो सके तो क्रोध करें ही न क्योंकि क्रोध में व्यक्ति अच्छे और बुरे का अंतर करना भूल जाता है। 
अहंकार - चाणक्य नीति के अनुसार अहंकार व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है, ऐसे ब्यक्ति को कही भी सम्मान नहीं मिलता है, जो ब्यक्ति अहंकार में चुर होता है उससे उसके अपने भी दूरी बना लेते हैं। 
आलस - चाणक्य नीति के अनुसार ब्यक्ति को आलस का त्याग किए बिना जीवन में सफलता नहीं मिल सकती है, इसलिए ब्यक्ति को इससे दूर ही रहना चाहिए आलस मनुष्य की कुशलता का नाश कर देती है।
लोभ - चाणक्य नीति में चाणक्य ने लिखा है मनुष्य को लोभ नहीं करना चाहिए, क्योकि लोभी ब्यक्ति कभी भी संतुष्ठ नहीं होता,  जिस कारण उसका चित्त हमेसा परेशान रहता है। 
असत्य - चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने के लिए कभी भी झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए, क्योकि असत्य बोलने वाले ब्यक्ति को कभी भी सम्मान नहीं मिलता है। 


आचार्य चाणक्य कहते है कि व्यक्ति को जीवन में अगर सफल होना है तो वो झूठ, आलस्य, अहंकार, क्रोध और लोभ से बचना चाहिए. कई बार बेहद प्रतिभावान लोग भी इन कुछ गलतियों की वजह से अपनी प्रतिभा को नष्ट कर देते है. और बाद में जीवन पर आस पास की परिस्थितियों को कोसते रहते है. जबकि असल में उसने अपनी ही कुछ गलतियों की वजह से खुद की कामयाबी के रास्ते में रोड़े पैदा किए.


Disclaimer:  यह सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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