हरीश चौधरी ने की मांग तो अशोक गहलोत ने लिया फैसला, 5 दिन के भीतर जारी हुए आदेश
Rajasthan News : राजस्थान सरकार ने ड्यूटी के दौरान कार्मिक के पूर्णतः निशक्त / अयोग्य होने पर आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति देने से जुड़े आदेश जारी किए है. सरकार ने नियमों में जरुरी बदलाव के आदेश जारी किए है. इस संबंध में पांच दिन पहले ही बाड़मेर के बायतू से विधायक और पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था.
Rajasthan news : बाड़मेर में बायतू से विधायक और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने पांच दिन पहले जो मांग उठाई थी. उस पर राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. हरीश चौधरी ने अशोक गहलोत सरकार के पिछले बजट में ड्यूटी के दौरान कार्मिक के पूर्णतः निशक्त / अयोग्य होने एवं वीआरएस लेने पर आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति देने की घोषणा के क्रियान्वयन की मांग उठाई थी. इसको लेकर 21 अप्रैल के दिन सीएम गहलोत को पत्र लिखा था. 26 अप्रैल के दिन सरकार ने इससे जुड़ा नियम बनाकर मांग का निस्तारण किया.
हरीश चौधरी के पत्र में मांग
हरीश चौधरी ने अशोक गहलोत को लिखे पत्र में कहा था कि राज्य बजट 2022-23 में राज्य सरकार के विभिन्न विभाग, बोर्ड स्वायतानी संस्थाओं आदि में कार्यरत कार्मिको की ड्यूटी के दौरान पूर्णतः निशक्त / अयोग्य होने एवं स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर उनके आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति देन की घोषणा की गयी थी जो स्वागत योग्य कदम है और इस संवेदनशील निर्णय से प्रदेश के हजारों परिवारों को राहत मिलेगी.
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इस घोषणा के संदर्भ में कार्मिक विभाग के स्तर से नये नियम तथा The Rajasthan Compassionate Appointment of Permanent Total Disabled Government Servant Rule 2022 बनाकर इस प्रस्ताव को माननीय मुख्यमंत्री द्वारा 30 मई 2022 को प्रशासनिक स्वीकृति दी जा चुकी है. उक्त प्रशासनिक अनुमोदन को जारी होने के पश्चात लगभग एक साल समय बीत गया परन्तु अभी तक उक्त घोषणा की क्रियान्विति के संबंध में सक्षम स्तर से कोई अधिकारिक आदेश या अधिसूचना जारी नहीं हुआ है.
हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री से मांग की थी कि इस संवेदनशील बजट घोषणा को क्रियान्वित करने के लिए अधिकारिक आदेश या अधिसूचना जारी कर राज्य सरकार कार्मिको के आश्रितों को राहत प्रदान कराई जाए.
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मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए की मांग
हरीश चौधरी ने अब एक और पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे इस पत्र में मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों के निस्तारण की मांग उठाई है. हरीश चौधरी ने पत्र में बताया कि वर्तमान में प्रदेश में महंगाई राहत शिविर एवं प्रशासन गांव के संग अभियान चल रहे हैं इस अभियान में मंत्रालयिक कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण हैं और मंत्रालयिक कर्मचारी अपने मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं जिसके कारण सरकार की मंशानुरूप इन शिविरों में मंत्रालयिक कर्मचारियों से संबंधित कार्य बाधित हो रहे हैं. ऐसे में इनकी मांगों को गंभीरता से लेकर सकारात्मक निर्णय लिया जाये.