IAS Love Story: आजतक आपने कई प्रेम कहानियां सुनी और पढ़ी होंगी. लव स्टोरी काफी रोचक लगती हैं. इसी के चलते आज हम आपको उत्तर प्रदेश के गाजीपुर पूर्व डीएम रहे संजय कुमार खत्री की लव स्टोरी बताने जा रहे हैं. संजय कुमार खत्री की प्रेम कहानी काफी मशहूर है. इसकी वजह से संजय कुमार खत्री पर कई तरह के आरोप भी लगे थे, लेकिन उन्होंने सारे आरोप को खारिज कर दिया है. 


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कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया था. इस लिस्ट में आईएएस संजय कुमार खत्री का नाम भी शामिल था. ट्रांसफर लिस्ट के अनुसार, IAS संजय कुमार खत्री को नोएडा प्राधिकरण का अपर मुख्य कार्यपालक या एसीईओ बनाया गया है. चलिए आज जानिए  संजय कुमार खत्री और उनकी पत्नी विजयलक्ष्मी की प्रेम कहानी. 


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राजस्थान के रहने वाले हैं IAS संजय कुमार खत्री
IAS संजय कुमार खत्री राजस्थान के बाड़मेर के रहने वाले हैं. उन्होंने 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव से की और उसके बाद वे जयपुर शिफ्ट हो गए. संजय कुमार खत्री ने JRRSU से बीए की डिग्री ली और उसके बाद उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद संजय कुमार खत्री ने 2 साल तक राजस्थान प्रशासनिक सेवा में काम किया और उसके बाद उनका सेलेक्शन  88वीं रैंक के साथ आईएएस के लिए हुआ. बता दें कि संजय कुमार खत्री साल 2010 बैच के अधिकारी हैं.


फरियादी विजयलक्ष्मी
जब IAS संजय कुमार खत्री उत्तर प्रदेश के गाजीपुर शहर में डीएम थे तब उनकी मुलाकात विजयलक्ष्मी से हुई. विजयलक्ष्मी फरियादी के तौर पर शिकायत लेकर IAS संजय कुमार खत्री के ऑफिस पहुंची थी. 


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दोस्ती, प्यार और फिर शादी 
वहीं, दोनों को एक-दूसरे को देखते ही याद आया कि वे दोनों पहले दिल्ली में मिल चुके हैं. इस मुलाकात के बाद दोनों कई बार गाजीपुर में मिले और दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया, जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली. 


शादी के बाद  IAS संजय पर लगे आरोप
शादी होने के बाद IAS संजय कुमार खत्री पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने फरियादी से शादी कर ली. इस बात को संजय कुमार खत्री ने एक अफवाह बताया और बात को खारिज कर दिया. उन्होंने बताया कि वह विजयलक्ष्मी को 7-8 साल पहले से जानते हैं. संजय कुमार खत्री और विजयलक्ष्मी दिल्ली में रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयार कर रहे थे. वहीं, संजय एग्जाम में पास हो गए और विजयलक्ष्मी परीक्षा पास नहीं कर पाई, जिसके चलते वह गाजीपुर वापस आ गई.