Lumpy Disease in Deer: राजस्थान में  लंपी वायरस  कारण अब तक हाजरों गोवंश  काल के ग्रास में समा गए है. पर अब यह  वायरस हिरणों में फैलने लगा है. पिछले डेढ़ महीने में इस बीमारी से अब तक 100 से अधिक हिरण संक्रमित हुए, जिसमें से 15 की मौत हो चुकी है. इस खबर के बाद से पशुपालन विभाग में खलबली मच गई है. आनन-फानन मौके पर टीम भेजी गई है. साथ ही सैंपल लिए जा रहे हैं.


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पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले में गोवंश के बाद वन्यजीव हिरण भी लंपी डिजीज के शिकार हो रहे हैं. धोरीमन्ना उपखंड क्षेत्र के कातरला गांव में वन्यजीव हिरणों में भी कई तरह के लक्षण देखने को मिल रहे हैं जिसके बाद कई हिरणों की मौत भी हो चुकी है.


 बता दें कि बाडमेर में  करीब 73 किमी दूर कातरला  में मां अमृतादेवी वन्य जीव संरक्षण संस्थान में पिछले 3 सालों से घायल हिरणों की देखरेख की जा रही है. जहां वर्तमान में 100 से अधिक हिरण मौजूद है लेकिन पिछले करीब 20 दिनों में गोवंश के बाद हिरणों में लंपी जैसी  बीमारी फैल रही है जिससे करीब 15 से अधिक हिरणों की मौत हो चुकी है. और कई हिरण इससे ग्रसित पाएं गए है.
औषधीय तरीके से हो रहा है इलाज


इस बाबत संस्थान के लोगों  के जरिए  फिलहाल औषधीय तरीके से बीमारी से ग्रसित हिरणों का इलाज किया जा रहा है. लेकिन इलाज के लिए प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था अब तक नहीं की गई है. 


हिरणों में लंपी स्किन के ये लक्षण
 डेढ़ माह से हिरण में लंपी डिजीज जैसे लक्षण दिख रहे हैं. पैरों में सूजन के बाद कीड़े पड़ना, आंखों व शरीर पर गांठें बन रही हैं, इसके बाद ये फूट रही हैं. इसमें मवाद (पस) बन रहा है. नाक से पानी पहना सहित कई लक्षण और हैं, जो लंपी से मिलते-जुलते हैं.


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जिले में इस तरह का  मामला सामने आने के बाद वन विभाग विभाग भी हरकत में आया है. वन विभाग ने मेडिकल टीम को मौके पर भेजकर बीमारी से ग्रसित हिरणों के सैंपल लेकर वायरस के बारे में पता लगाया जाएगा किस तरीके का वायरस है जो हिरणों में फैल रहा है और उसके बाद उनकी मौत हो रही है.